भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 1984 में सोवियत मिशन पर अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद, अब शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय नागरिक के रूप में 17 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा करके भारत की धरती पर लौट आए हैं। जेएनयू तथा आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र शुभांशु ने इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया।
भारत का अंतरिक्ष सफर: साइकिल से चाँद तक, राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला
- विचार
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- 18 Aug, 2025

शुभांशु शुक्ला
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा करके भारत की धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला को सड़क से संसद तक देश दे रहा बधाई।
भारत का अंतरिक्ष इतिहास एक और स्वर्णिम पल का साक्षी बन गया है। निजी क्षेत्र का Axiom-4 मिशन पूरा कर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से स्वदेश लौटे शुभांशु शुक्ला - राकेश शर्मा (1984) और कल्पना चावला (1997-2003) के बाद तीसरे भारतीय हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराया। देश वैज्ञानिकों, उभरते निजी क्षेत्र, और ISRO के अथक परिश्रम को सलाम कर रहा है। थुम्बा की सड़कों से संसद के गलियारों तक, लोग विक्रम साराभाई की लगन, जवाहरलाल नेहरू की दूरदर्शिता, और ISRO की वैश्विक क्षमता के समक्ष नतमस्तक हैं। लेकिन सवाल बाकी है—क्या निजीकरण के रास्ते में ISRO, BSNL जैसी स्थिति का शिकार होगा? आइए, इस स्वर्णिम सफर, इसकी उपलब्धियों, और चुनौतियों पर नजर डालें।