कर्नाटक के महादेवपुरा की मतदाता सूची में कथित हेरफेर के जिस मामले को राहुल गांधी जनता की अदालत में ले गए हैं वह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों की विशेष जांच दल यानी एसआईटी के माध्यम से जांच की मांग की गई है। यह याचिका 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेरफेर के राहुल गांधी के दावों के बाद दायर की गई है, जिसमें उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार याचिका में इस जाँच की निगरानी किसी पूर्व जज से कराने का अनुरोध किया गया है।
महादेवपुरा वोटर सूची में हेरफेर के राहुल के आरोपों का केस सुप्रीम कोर्ट पहुँचा; अब क्या होगा?
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- 20 Aug, 2025
Vote Chori Row: राहुल गांधी के महादेवपुरा वोटर सूची हेरफेर के आरोपों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। क्या अदालत चुनाव आयोग को जवाबदेह ठहराएगी? जानिए आगे क्या हो सकता है।

राहुल गांधी 'नकली' मतदाताओं के सबूत दिखाते हुए
यह जनहित याचिका उस समय दायर की गई है, जब राहुल गांधी ने 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के तहत आने वाले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 100250 फर्जी वोटों के जरिए चुनाव चोरी का आरोप लगाया था। गांधी ने दावा किया था कि उनकी पार्टी ने छह महीने तक मतदाता सूची के 6.5 लाख एंट्रीज की गहन जांच की। इसके आधार पर उन्होंने पांच तरीकों- डुप्लिकेट मतदाता, फर्जी या अमान्य पते, एक ही पते पर सामूहिक मतदाता, अमान्य तस्वीरें और पहली बार मतदाता पंजीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले फॉर्म 6 का दुरुपयोग- से मतदाता हेरफेर का खुलासा किया। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि एक छोटे से 10-15 वर्ग फुट के घर में 80 मतदाता पंजीकृत थे और एक शराब की दुकान जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान में 68 मतदाता पंजीकृत दिखाए गए थे।