सीएसडीएस बनाम बीजेपी विवाद में अब एक सरकारी संस्था ICSSR भी कूद पड़ी है। यह सरकारी संस्था सीएसडीएस को ग्रांट (अनुदान) देती है। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) को महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित कथित डेटा हेरफेर और पक्षपातपूर्ण नेरेटिव के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कदम 'वोट चोरी' विवाद के बीच उठाया गया है, जिसमें विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस, ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। हालांकि कांग्रेस के आरोप कर्नाटक की एक विधानसभा सीट महादेवापुरा को लेकर थे। लेकिन इसके बाद बिहार में हुए एसआईआर ने इस विवाद को और भी बढ़ा दिया। बिहार से ऐसे कई लोग सामने आए, जिन्हें चुनाव आयोग की ड्राफ्ट मतदाता सूची में मृत घोषित किया गया लेकिन वे लोग जीवित हैं और उन्होंने नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ चाय भी पी। सुप्रीम कोर्ट में दो जीवित लोगों को लेकर एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव पहुंचे।
'वोट चोरी' विवादः ICSSR चुनाव आयोग पर CSDS के सर्वे से नाराज, नोटिस भेजा
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- 20 Aug, 2025
CSDS Controversy: आईसीएसएसआर ने सीएसडीएस को महाराष्ट्र चुनाव विश्लेषण में कथित डेटा हेरफेर के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विपक्ष के 'वोट चोरी' के दावों के बीच बीजेपी नेताओं ने सीएसडीएस पर हमला करते हुए कई बयान जारी किए हैं।
