इमरजेंसी संविधान के प्रावधानों के अनुसार, समय पर कायदे से लगाई गई थी। इसलिए इमरजेंसी लगाना संविधान विरोधी नहीं हो सकता है। उस समय आरएसएस पर पाबंदी लगी थी, उसे वापस ले लिया गया। पाबंदी लगाना या वापस लेना - संविधान विरोधी ज़रूर हो सकता है। इमरजेंसी पहले भी लगी थी, आरएसएस पर प्रतिबंध भी। इसलिए दोनों ग़लत नहीं हो सकते हैं। हटाने के बारे में मैं अभी बात नहीं कर रहा। वह मुद्दा नहीं है। इमरजेंसी में मनमानी गिरफ्तारियां संविधान विरोधी हो सकती हैं। लेकिन वह मुख्यमंत्री को किसी भी तरह जेल में रखने के लिए किये जा रहे उपायों से ज्यादा संविधान विरोधी नहीं है।