बिहार में चुनाव आयोग एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं को राहत देने की बात कर रहा है लेकिन उसके बार-बार बदलते बयान की वजह से आम लोग और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि यह दरअसल उसका झांसा है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पूरे पेज का एक विज्ञापन अखबारों में दिया जिसमें कुछ बातें नई थीं। चुनाव आयोग के विज्ञापन के शब्दों में, “यदि आवश्यक दस्तावेज तथा फोटो उपलब्ध नहीं हो तो सिर्फ गणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को उपलब्ध करा दें।”
Bihar Voter list Controversy: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण से मतदाता भ्रमित हो रहे हैं, क्योंकि चुनाव आयोग ने विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान दस्तावेजों की आवश्यकताओं पर विरोधाभासी बयान जारी किए हैं।
