प्रसिद्ध चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बहुत जल्द बतौर कांग्रेस नेता देश के राजनीतिक पटल पर सामने आ सकते हैं। एक हफ्ते में तीसरी बार हुई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रशांत किशोर की बैठक के बाद कांग्रेस खेमे से इस तरह के संकेत मिले हैं कि प्रशांत किशोर बहुत जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें महासचिव जैसे बड़े पद के साथ बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
क्या एक-दूसरे की ज़रूरत बन गए हैं कांग्रेस और पीके?
- विश्लेषण
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- 23 Apr, 2022

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। बेहद खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस को क्या प्रशांत किशोर के पार्टी में आने से कोई फायदा मिलेगा?
इस मुद्दे पर सोनिया गांधी ने सोमवार को ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श किया था। पार्टी नेताओं ने अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया था। अब वो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से सलाह मशविरा करके अंतिम फैसले करेंगी।
बुधवार को सोनिया गांधी के घर दस जनपथ पर हुई बैठक में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने वाली टीम के अलावा दो और नेताओं को बुलाया गया था। ये हैं देशभर में बचे कांग्रेस दो मुख्यमंत्री। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। इनके अलावा बैठक में जयराम रमेश, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल और सोनिया गांधी ने भाग लिया। इस हफ्ते के आख़िर तक प्रशांत के प्रस्ताव पर कांग्रेस नेता अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप देंगे। बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि पार्टी प्रशांत किशोर के प्रस्तावों का 'मूल्यांकन' कर रही है। उन्होंने कहा, "कई अन्य लोगों के इनपुट पर भी विचार किया जा रहा है और अगले 72 घंटों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी।"