संसद में प्रियंका गांधी के तेज़ और बेबाक हमले ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। क्या यह कांग्रेस में नई नेतृत्व भूमिका का संकेत है? क्या वह मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह ले सकती हैं? देखिए आशुतोष की बात में राहुल–प्रियंका समीकरण का विश्लेषण।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।


















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