डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर रिहा कर दिया गया है। बलात्कार और हत्या जैसे संगीन अपराधों में सजा काट रहे राम रहीम को 5 अगस्त 2025 को हरियाणा सरकार ने 40 दिन की पैरोल दी। यह उनकी 14वीं रिहाई है। बाबा राम-रहीम लगातार अपने अनुयायियों से बीजेपी को वोट देने की अपील करते रहे हैं और माना जाता है कि हरियाणा की बीजेपी सरकार उसी के एवज़ में उन्हें बार-बार रिहाई देती है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, देश में कोई दूसरा कैदी नहीं है, जिसे इतने कम समय में इतनी बार छुट्टी मिली हो।
बाबा राम रहीम की 14वीं बार रिहाई के पीछे बीजेपी की ‘कृपा’?
- विश्लेषण
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- 5 Aug, 2025

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम की 14वीं बार रिहाई ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी सरकार चुनावी लाभ के लिए राम रहीम को विशेष छूट दे रही है। जानिए इस रिहाई के पीछे के राजनीतिक संकेत।
राम रहीम की बार-बार रिहाई
गुरमीत राम रहीम को 2017 में बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा सुनाई गयी थी। इसके अलावा, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्य रणजीत सिंह की हत्या के लिए उन्हें उम्रकैद की सजा मिली। फिर भी, 2017 से अब तक वे अपनी सजा के 295 दिन से ज्यादा समय जेल से बाहर बिता चुके हैं। उनकी रिहाई का सिलसिला इस प्रकार है:
- 2020: माँ से मिलने के लिए 1 दिन की पैरोल।
- 2022: तीन बार पैरोल/फरलो, जिसमें 40 और 21 दिन की छुट्टियाँ शामिल थीं।
- 2023: 5 बार पैरोल, जिसमें 50 दिन की लंबी पैरोल भी थी।
- 2024: 13 अगस्त को 21 दिन और 1 अक्टूबर को 20 दिन की फरलो।
- 2025: 28 जनवरी को 30 दिन की पैरोल और 9 अप्रैल को 21 दिन की फरलो।
- 5 अगस्त 2025 को दी गई 40 दिन की पैरोल के दौरान राम रहीम सिरसा में डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में रहेंगे, जहाँ वे अपना जन्मदिन और रक्षा बंधन मनाएंगे।
पैरोल और फरलो: नियम क्या कहते हैं?
जेल मैनुअल के अनुसार, पैरोल पारिवारिक आपातकाल (जैसे शादी या मृत्यु) के लिए दी जाती है, जबकि फरलो कैदी को समाज से जोड़े रखने के लिए होती है, जिसके लिए ठोस कारण जरूरी नहीं। 10 साल से अधिक सजा वाले कैदी को साल में 10 सप्ताह की पैरोल और 4 सप्ताह की फरलो मिल सकती है। लेकिन राम रहीम को बार-बार बिना ठस कारण के रिहा किया गया।