चीन ने अमेरिका को वैश्विक कूटनीति में जबर्दस्त मात दी है और इसके लिए रेअर अर्थ खनिज के ट्रंप कार्ड का इस्तेमाल किया। जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झुक कर चीन से व्यापार समझौता कर रहे हैं, वह अमेरिका की दादागिरी के विफल होने की कहानी कह रहा है। साथ ही वैश्विक कूटनीति में चीन की सूझ-बूझ मिसाल पेश कर रही है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अपना दबदबा बनाने के बाद व्यापार को ही अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को अपने पक्ष में मोड़ने में धीरे-धीरे चीन ने सफलता हासिल की है।

चीन पर आक्रामक रहे डोनाल्ड ट्रंप ने आख़िर अचानक यह घोषणा क्यों की कि सारे मसले सुलझ गये हैं। क्या चीन ने रेअर अर्थ मिनरल्स के ज़रिए ट्रम्प प्रशासन को झुकने को मजबूर कर दिया?
सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह घोषणा करने की ज़रूरत पड़ गई कि सारे मसले सुलझ गये हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह भी ट्रंप ने ऐलान किया कि चीनी एप टिक-टॉक पर भी समझौता हो गया है। ये घोषणा वैश्विक कूटनीति में बड़े यू-टर्न के रूप में देखी जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 से यानी जब से अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभाला, तब से चीन को निपटाना उनके मुख्य एजेंडे में रहा। टैरिफ़ वार की शुरुआत भी अमेरिका के बाजार से चीनी सामानों को बाहर करने के उद्देश्य से ही की गई थी। फिर अब इस ट्रेड डील के पीछे क्या खेल हुआ या हो रहा है, यह समझना बहुत जरूरी है।


















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