उमर खालिद की पहचान कभी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मेधावी छात्र और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में थी, लेकिन आज वह भारती न्याय व्यवस्था पर लगे सवालिया निशान की तरह है। उमर ख़ालिद लगभग पांच साल से उन आरोपों के तहत बंद है, जो पहली नजर में हास्यास्पद और सबूतों से रहित नजर आते हैं। अमरावती के जिस भाषण उमर ने शांतिपूर्ण विरोध और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की बात की थी, वह दिल्ली पुलिस की नज़र में दिल्ली में हिंसा भड़कने का कारण था। सरकार की नजर में देशद्रोही उमर ने बीती 11 अगस्त अपना 38वाँ जन्मदिन तिहाड़ जेल में मनाया। लगातार पाँचवाँ जन्मदिन था जो जेल की सलाख़ों के पीछे बीता।
लोकतंत्र पर सवालिया निशान है उमर खालिद की क़ैद!
- विश्लेषण
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- 13 Aug, 2025

Umar Khalid and Indian Democracy: जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद जेल में रहते हुए पांच साल बीत चुके हैं। और अभी न उन्हें मुलज़िम ठहराया जा सका और न ही कोई सज़ा सुनाई गई है। उनकी ज़मानत अर्ज़ी पर सिर्फ तारीख़ मिलती है। फिर अगली तारीख़।