उमर खालिद की पहचान कभी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मेधावी छात्र और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में थी, लेकिन आज वह भारती न्याय व्यवस्था पर लगे सवालिया निशान की तरह है। उमर ख़ालिद लगभग पांच साल से उन आरोपों के तहत बंद है, जो पहली नजर में हास्यास्पद और सबूतों से रहित नजर आते हैं। अमरावती के जिस भाषण उमर ने शांतिपूर्ण विरोध और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की बात की थी, वह दिल्ली पुलिस की नज़र में दिल्ली में हिंसा भड़कने का कारण था। सरकार की नजर में देशद्रोही उमर ने बीती 11 अगस्त अपना 38वाँ जन्मदिन तिहाड़ जेल में मनाया। लगातार पाँचवाँ जन्मदिन था जो जेल की सलाख़ों के पीछे बीता।