जुबीन गर्ग मौत मामले में अब असम के एक शीर्ष अधिकारी का इस्तीफा हुआ है। असम के मुख्य सूचना आयुक्त यानी सीआईसी भास्कर ज्योति महंत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह पूर्व में असम के पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी रह चुके हैं। उनके छोटे भाई श्यामकानु महंत पर सुपरस्टार गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में गंभीर आरोप हैं और उनको गिरफ़्तार किया गया है। भास्कर महंत ने अपने इस्तीफे का कारण 'नैतिक आधार' बताया है, खासकर इसलिए क्योंकि सूचना आयोग को उनके भाई की गतिविधियों को लेकर आरटीआई यानी सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई है। 

भास्कर महंत 2023 में डीजीपी के पद से सेवानिवृत्ति के बाद मार्च 2023 में सीआईसी नियुक्त हुए थे। उनका कार्यकाल मार्च 2026 तक था, लेकिन उन्होंने बुधवार को राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया। उन्होंने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह निर्णय पूरी तरह स्वतंत्र था। एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'मैंने इस पद पर डिजिटलीकरण, ऑनलाइन आवेदनों, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई, केस निपटान में सुधार और आरटीआई के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ कार्रवाई जैसे सुधार किए। लेकिन एक विशेष परिस्थिति में मैंने विवेक और निष्पक्षता के आधार पर इस्तीफा देना उचित समझा।'
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महंत ने साफ़ किया कि 4 नवंबर को एक व्यक्ति ने उन्हें पत्र लिखकर कहा कि वे उनके भाई श्यामकानु को मिली सरकारी सहायता पर आरटीआई दाखिल करेंगे और सहयोग मांगेंगे। भास्कर ने कहा, 'मैंने राज्य के सर्वोच्च पद पर पहले ही कह दिया था कि यदि ऐसी स्थिति आएगी तो मैं इस्तीफा दूंगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह ठीक होगा। मैं इस पद की गरिमा और लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए रखना चाहता हूं, ताकि मेरे पद पर कोई संदेह न पड़े।' उन्होंने जोर दिया कि आरटीआई का जवाब दिया जाता, लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ना चुना।

जुबीन गर्ग की मौत का मामला

असम के सबसे लोकप्रिय कलाकारों में से एक जुबीन गर्ग की मौत 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में हुई। वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल सिंगापुर के 'कल्चरल ब्रांड एंबेसडर' के रूप में वहाँ गए थे। यह फेस्टिवल श्यामकानु महंत द्वारा आयोजित किया गया था। फेस्टिवल से एक दिन पहले वे एक यॉट पार्टी पर थे, जहां उनकी मौत हो गई। सिंगापुर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भारत को सौंपी। असम पुलिस ने इसे हादसा नहीं, बल्कि 'हत्या' करार दिया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि यह दुर्घटना नहीं, हत्या है। विशेष जाँच दल यानी एसआईटी के नेतृत्व में स्पेशल डीजी मुन्ना गुप्ता की 10 सदस्यीय टीम जुबीन के आखिरी 48 घंटों पर विशेष फोकर कर जाँच कर रही है। चार्जशीट 17 दिसंबर से पहले दाखिल की जाएगी।

श्यामकानु महंत की भूमिका और गिरफ्तारी

श्यामकानु महंत एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के डायरेक्टर हैं और दिल्ली, बैंकॉक, हो ची मिन्ह सिटी और अब सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल आयोजित कर चुके हैं। ये आयोजन संबंधित देशों में भारतीय दूतावासों के सहयोग से होते हैं। गुवाहाटी में वार्षिक रोंगाली फेस्टिवल भी वे आयोजित करते हैं, जिसे असम पर्यटन विभाग ने कई बार समर्थन दिया। उनकी सरकारी और सत्ता गलियारों से नजदीकी जुबीन की मौत के बाद सवालों के घेरे में आ गई।
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पिछले महीने गिरफ्तार श्यामकानु पर आपराधिक षड्यंत्र, गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही से मौत का कारण बनना जैसे आरोप लगे। वे वर्तमान में बक्सा जेल में बंद हैं। जांच में उनके खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध रियल एस्टेट अधिग्रहण के लिंक भी मिले। इस मामले में कुल सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, सभी 11 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में। गिरफ्तार लोगों में श्यामकानु महंत, जुबीन के चचेरे भाई संदीपन गर्ग, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, शेखरज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत (जुबीन के बैंड मेंबर), नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्या (जुबीन के निजी सिक्योरिटी स्टाफ) शामिल हैं। जाँच में बोरा और बैश्या के बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का पता चला, जो मामले से जुड़े हो सकते हैं।

महंत परिवार का रुतबा बड़ा

महंत परिवार असम में प्रभावशाली है। भास्कर के अलावा, उनके एक अन्य भाई नानी गोपाल महंत गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। वे इससे पहले असम सरकार के शिक्षा सलाहकार रह चुके थे। इस परिवार के सरकारी जुड़ाव ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है। भास्कर का इस्तीफा मुख्यमंत्री सरमा की सिफारिश पर भी हुआ, जिसमें 'हितों का टकराव' का हवाला दिया गया।