असम में एनआरसी पर काफ़ी शख्त रही बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब नरम क्यों पड़ गई है? पहले ‘आर-पार’ के मूड में दिखने वाली सरकार के सामने ऐसी क्या मजबूरी आ गई है कि अब उसे एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से बाहर रह गए लोगों को राहत देने को मजबूर होना पड़ रहा है? एक दिन पहले ही असम सरकार ने एनआरसी से बाहर रह गए लोगों के लिए कई राहतों की घोषणा की है।
एनआरसी से बाहर रहे लोगों पर सरकार अब ‘मेहरबान’ क्यों?
- असम
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- 28 Aug, 2019
असम में एनआरसी पर काफ़ी शख्त रही बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब नरम क्यों पड़ गई है? सरकार ने एनआरसी से बाहर रह गए लोगों को राहत देने की घोषणा की है।

असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) कुमार संजय कृष्ण ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि असम सरकार ने उन ज़रूरतमंद लोगों को मुफ़्त क़ानूनी सहायता देने के लिए ज़रूरी व्यवस्था की है जिन्हें 31 अगस्त को प्रकाशित होने वाली एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरणों (डीएलएसए) के माध्यम से सहायता देकर एनआरसी से बाहर के ज़रूरतमंद लोगों को क़ानूनी सहायता देने के लिए ज़रूरी व्यवस्था करेगी।’