यह एक विडम्बना की ही बात है कि जिस समय मोदी सरकार ने बुलेट ट्रेन चलाने की तरह ब्रह्मपुत्र में सुरंग खोदकर चार लेन राजमार्ग बनाने की योजना तैयार की है, उस समय ब्रह्मपुत्र में आई भीषण बाढ़ की वजह से असम के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। असम में हर साल बाढ़ नेताओं, नौकरशाहों और ठेकेदारों के लिए उत्सव की तरह आती है। बाढ़ नियंत्रण के नाम पर करोड़ों रुपयों की लूट होती है और आम जनता को तबाही का दंश झेलना पड़ता है। लाखों लोग इसी तरह साल दर साल विस्थापित होते रहे हैं और राहत की कतार में अपनी बारी का इंतज़ार करते रहे हैं।