असम में हिमंत बिस्वा सरमा की कैबिनेट ने छह धार्मिक समुदायों - मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी को "अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र" जारी करने का फैसला किया है। लेकिन यह फैसला क्यों लिया गया या इसके पीछे कोई राजनीति है। यह बहुत स्पष्ट है कि असम में धार्मिक समुदायों का मुद्दा बहुत पेचीदा है। इसे एनआरसी के जरिए टारगेट करने की कोशिश की गई। लेकिन अब जिस तरह अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र जारी करने की बात कही गई है वो भी कुल मिलाकर इन समुदायों के लोगों की पहचान करना है। इसके जरिए किनको टारगेट किया जाएगा, वो स्पष्ट है।