असम में सरकारी ज़मीन खाली कराने के नाम पर बेदखली अभियान जारी है। अभी तक सात बड़े अभियान राज्य में चलाए जा चुके हैं। अभी तक करीब 50 हज़ार लोग विस्थापित हो चुके हैं। ये लोग इधर-उधर अस्थायी कैंपों में रह रहे हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह अभियान अब राजनीतिक अभियान बन गया है। एक समुदाय विशेष को या फिर आदिवासियों को उजाड़ा जा रहा है। हाल ही में जब जमीयत-ए-उलमाए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने असम का दौरा किया तो सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्हें बांग्लादेश भेजने की धमकी तक दी गई।