एनआरसी के अंतिम सूची से कोई ख़ुश है क्या? क्या एनआरसी की माँग करने वाले लोग संतुष्ट हैं? बांग्लादेशियों के असम में घुसने के विरोध से ही अस्तित्व में आई असम गण परिषद क्यों नाराज़ है? छात्र से लेकर संगठनों के नेता, बीजेपी की सहयोगी पार्टी और सरकार के मंत्री तक खफा हैं। दरअसल, एक दिन पहले जो एनआरसी की अंतिम सूची जारी हुई है उससे न तो इसके समर्थक ख़ुश हैं और न ही इसका विरोध करने वाले। आख़िर क्यों?
‘एनआरसी’ से मंत्री, बीजेपी सहयोगी तक नाराज़, कोई ख़ुश क्यों नहीं?
- असम
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- 1 Sep, 2019
एनआरसी के अंतिम सूची से कोई ख़ुश है क्या? छात्र से लेकर संगठनों के नेता, बीजेपी की सहयोगी पार्टी और सरकार के मंत्री तक खफा हैं। एनआरसी लाने वाले लोग ही नाराज़ क्यों है?

एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर अजीबोगरीब स्थिति बन गई है। एनआरसी का समर्थन करने वाले इसलिए नाराज़ हैं कि पहले जहाँ सरकारें कहती रही थीं कि दो करोड़ लोग अवैध रूप से घुस आए हैं वहीं अब एनआरसी की सूची से सिर्फ़ 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है। उनकी नाराज़गी यह भी है कि इन 19 लाख लोगों में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो वास्तविक रूप से भारतीय नागरिक हैं और एनआरसी की 'ग़लत प्रक्रिया' के कारण सूची में नहीं आ पाए हैं। अब ऐसे ही लोग इसे फिर से वेरिफ़ाई करने की माँग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।