असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की मृत्यु पर विवाद ख़त्म नहीं हो पा रहा है। अब असम सरकार ने कुछ समूहों की मांग पर उनके शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का फ़ैसला किया है। यह पोस्टमॉर्टम मंगलवार यानी 23 सितंबर को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि यह कदम जनता के एक वर्ग की मांग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, हालांकि वे व्यक्तिगत रूप से इसके पक्ष में नहीं थे। इस बीच, जुबीन के अंतिम संस्कार की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं, जो मंगलवार को गुवाहाटी के पास कमरकुची गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। 

असम का सांस्कृतिक प्रतीक और ‘या अली’ जैसे गीतों के लिए पहचाने जाने वाले जुबीन गर्ग की मृत्यु 19 सितंबर को सिंगापुर में एक स्कूबा डाइविंग हादसे के दौरान हुई थी। वह 52 वर्ष के थे और सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए गए थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सिंगापुर के अधिकारियों ने बताया कि जुबीन को स्कूबा डाइविंग के दौरान सांस लेने में तकलीफ हुई और उन्हें तुरंत सीपीआर दिया गया, लेकिन सिंगापुर जनरल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिंगापुर में जारी डेथ सर्टिफिकेट में उनकी मृत्यु का कारण ‘डूबने’ के रूप में दर्ज किया गया है।

असम में राजकीय शोक

जुबीन की मृत्यु की खबर ने पूरे असम और देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी। उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों ने गुवाहाटी और उनके गृहनगर जोरहाट में श्रद्धांजलि दी। असम सरकार ने 20 से 22 सितंबर तक तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया और सभी आधिकारिक मनोरंजन, समारोह और सार्वजनिक उत्सव रद्द कर दिए। बाद में इसे एक दिन और बढ़ाकर 23 सितंबर तक कर दिया गया।

दूसरा पोस्टमॉर्टम क्यों?

जुबीन गर्ग की मृत्यु के बाद सिंगापुर में 20 सितंबर को उनका पहला पोस्टमॉर्टम किया गया था। इस पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया और यह 21 सितंबर को गुवाहाटी लाया गया। हालाँकि, सोशल मीडिया और कुछ समूहों ने उनकी मृत्यु के कारणों पर सवाल उठाए और एक और पोस्टमॉर्टम की मांग की, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका को खारिज किया जा सके।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 22 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की है। मैं व्यक्तिगत रूप से इसके पक्ष में नहीं था, क्योंकि सिंगापुर में पहले ही एक विस्तृत पोस्टमॉर्टम हो चुका है, जहां तकनीकी सुविधाएं बेहतर हैं। लेकिन जनता के एक वर्ग की मांग को देखते हुए और जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग की सहमति के बाद हमने गुवाहाटी में दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का फैसला किया है।'

गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद जुबीन का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए कमरकुची गांव ले जाया जाएगा।

मृत्यु के घटनाक्रम पर संदेह क्यों?

जुबीन की मृत्यु के बाद कई सवाल उठे हैं। सिंगापुर में उनके साथ मौजूद लोगों और आयोजकों पर कुछ लोगों ने संदेह जताया है। असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंता और जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ मोरिगांव पुलिस स्टेशन में कई एफ़आईआर दर्ज की गई हैं। इन प्राथमिकियों को अब असम पुलिस की आपराधिक जांच शाखा को सौंप दिया गया है, ताकि एक विस्तृत जांच हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर असम से किसी गलत इरादे के साथ जुबीन को सिंगापुर ले जाया गया, तो उस पहलू की भी जांच होगी।' हालांकि, जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को वापस लेने की भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ उनके लिए भाई की तरह थे और परिवार का हिस्सा थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ़ किया कि कानून अपना काम करेगा, क्योंकि जनता को यह जानने का हक है कि जुबीन की मृत्यु के पीछे की सच्चाई क्या है।

अंतिम संस्कार और स्मारक की योजना

जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास कमरकुची गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें परिवार की इच्छा को प्राथमिकता दी गई। हालांकि, जोरहाट के कुछ लोगों ने मांग की थी कि अंतिम संस्कार उनके गृहनगर में हो, लेकिन परिवार की सहमति के बाद गुवाहाटी के पास का स्थान चुना गया।

असम सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जुबीन के सम्मान में कमरकुची में 10 बीघा जमीन पर एक स्मारक बनाया जाएगा। असम के मंत्री और असम गण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष केशब महंता ने कहा, 'जुबीन असम के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर थे। उनके सम्मान में यह स्मारक बनाया जाएगा, ताकि उनकी विरासत को संजोया जा सके।'

जुबीन की मृत्यु का घटनाक्रम

रिपोर्टों के अनुसार जुबीन गर्ग 19 सितंबर को एक निजी यॉट पर सेंट जॉन्स और लाजरस द्वीप की ओर स्कूबा डाइविंग के लिए गए थे। उनके साथ 17 लोग थे, जिनमें सिंगापुर में रहने वाले 11 असमिया समुदाय के लोग, उनकी टीम के चार सदस्य और दो क्रू मेंबर शामिल थे। स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबीन को सांस लेने में तकलीफ हुई और संभवतः उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ा, क्योंकि उनके मेडिकल इतिहास में पिछले पांच सालों में ऐसे दौरे दर्ज किए गए थे। उन्हें तुरंत यॉट पर सीपीआर दिया गया और सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शव को बाद में भारत लाया गया।

हजारों प्रशंसक गुवाहाटी के अर्जुन भोगेश्वर बारुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए 21 सितंबर को जमा हुए थे।