छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद पर चल रहे घमासान के बीच कांग्रेस ने एक नया फ़ॉर्मूला निकाला है। इस फॉर्मूले के तहत छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे टी. एस. सिंहदेव ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनेंगे। दोनों गुटों के बीच ज़बरदस्त रस्साकशी को देखते हुए राहुल गाँधी ने यह फ़ैसला किया है। पहले कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इस पर विवाद और रस्साकशी दोनों जारी हैं। दोनों ही पहले मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं।

दिल्ली के ख़िलाफ़ बग़ावत

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर कांग्रेस की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गईं, जब नए नेता का नाम तय करने और इसके एलान के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक में दिल्ली से नाम तय करके भेजे गए ताम्रध्वज साहू के ख़िलाफ़ बग़ावत हो गई। शनिवार शाम को रायपुर में हुई विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता यानी नए मुख्यमंत्री के तौर पर ताम्रध्वज साहू के नाम पर मुहर लगनी थी और इसका एलान होना था। लेकिन उनके ख़िलाफ़ विधायकों की बगावत के बाद बैठक रविवार तक के लिए टाल दी गई। अंदर की ख़बर यह है कि बैठक में कई विधायकों ने ताम्रध्वज साहू  के ख़िलाफ़ खुली बग़ावत कर दी। विधायकों के बाग़ी तेवरों को देखते हुए कांग्रेस आला कमान को फ़ैसला रविवार तक के लिए टालना पड़ा।