बिहार में फिर से एक निर्माणाधीन पुल ढहने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जानिए, आख़िर इस पुल को कौन बना रहा था और कितने की लागत से बनी थी।
बिहार के अररिया में मंगलवार को एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह गया। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में दिखता है कि करोड़ों रुपये की लागत से बकरा नदी पर बना कंक्रीट का पुल कुछ ही सेकंड में टूट गया। इस पुल पर राजनीति गरमाने की संभावना है। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय ने सफाई जारी की है कि अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है।
बिहार में एनडीए की ही सरकार है और बीजेपी सत्ताधारी पार्टियों में शामिल है। गडकरी के कार्यालय ने कहा है, 'अररिया का उस पुल का काम बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत चल रहा था।'
बहरहाल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नदी के तेज बहाव पर बना पुल एक तरफ झुक गया है और पुल के किनारे जमा भीड़ पुल के ढहने के पल को रिकॉर्ड कर रही है। ढहा हुआ हिस्सा कुछ ही सेकंड में बह गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। नदी के किनारे बना पुल का हिस्सा बरकरार है।
इस पुल का निर्माण अररिया जिले में कुर्साकांटा और सिकटी के बीच आवागमन को आसान बनाने के लिए किया गया था। 12 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। सिकटी विधायक विजय कुमार ने एएनआई से कहा, 'निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक की लापरवाही के कारण पुल ढह गया है। हम मांग करते हैं कि प्रशासन इसकी जांच करे।'
आरजेडी ने आरोप लगाया है, 'एनडीए की सरकार आते ही जगह जगह पुल गिरने चालू हो जाते हैं! कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का वह नंगा नाच होता है कि एनडीए नेताओं, भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की चांदी हो जाती है!'
बता दें कि इस साल मार्च में बिहार के सुपौल में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य फंस गए थे। पुल ढहने के बाद मरीचा के पास निर्माण स्थल पर अफरा-तफरी मच गई थी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों और स्वयंसेवकों को बचाव कार्य में जुटना पड़ा था।
कोसी नदी पर 984 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा था। यह दुर्घटना बिहार के भागलपुर में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने की घटना से काफी मिलती-जुलती है, जिसके बाद राज्य सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी।