loader
बक्सर के एक मंदिर में पूजा करते नीतीश कुमार

क्या बिहार में हो रही है कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश ? 

नीतीश कुमार के पाला बदलने की अटकलों के बीच अब चर्चा है कि कांग्रेस के विधायकों में टूट हो सकती है। कांग्रेस के बिहार विधानसभा में 19 विधायक हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के 10 विधायकों को तोड़ने की कोशिश में जेडीयू लगा हुआ है।
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के कई विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ये विधायक नीतीश कुमार का साथ दे सकते हैं। बिहार की बदलती राजनीति के बीच कांग्रेस विधायकों पर सबकी नजर है। 
कांग्रेस के टूटने की अटकले इसलिए भी तेज है कि बिहार में इससे पहले भी कांग्रेस में टूट हो चुकी है। कभी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके अशोक कुमार चौधरी पूर्व में ही कांग्रेस को छोड़ कर जदयू में शामिल हो चुके हैं, और इन दिनों सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं। 
कांग्रेस ने इस खतरे को भांप कर शनिवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बिहार के विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी दी है। 
बिहार विधानसभा में अभी सबसे बड़ी पार्टी राजद है। राजद के पास 79 विधायक हैं। वहीं दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है जिसके पास 78 विधायक हैं। जदयू तीसरी बड़ी पार्टी है जिसके 45 विधायक हैं। कांग्रेस के 19, वाम दलों के कुल 16 विधायक, हम के 4, एआईएमआईएम के 1 और 1 निर्दलीय विधायक हैं। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं जहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है। 
अगर नीतीश कुमार पाला बदलते हैं तब अगर राजद सरकार बनाने का दावा करे तो इसके लिए उसे कम से कम 122 विधायक चाहिए। संख्या बल के हिसाब से देखे तो अभी  बिहार विधानसभा में राजद के 79, कांग्रेस के 19 और वामदलों के 16 विधायकों को जोड़ने के बाद संख्या होती है 114, ऐसे में यह बहुमत के आंकड़े से 8 कम है। 
अब माना जा रहा है कि बहुमत के आंकड़े को पाने के लिए राजद हम के 4 , एआईएमआईएम के 1और 1निर्दलीय विधायक को मिलाने की कोशिश करेगा। अगर वह इस कोशिश में कामयाब भी हो जाता है तब भी उसे 2 और विधायक चाहिए। सूत्रों का दावा है कि बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए राजद की कोशिश है कि वह जदयू को तोड़ने में कामयाब हो जाए। 

जदयू इस खतरे को भांप चुका है। ऐसे में वह कोशिश कर रहा है कि इससे पहले कि राजद उसके विधायकों को तोड़ने में कामयाब हो वह कांग्रेस को तोड़ कर अपनी स्थिति मजबूत कर ले। 

राजनैतिक विश्लेषकों का दावा है कि कांग्रेस को तोड़ने से भाजपा-जदयू की सरकार बनने और उसको बरकरार रखने का रास्ता इसलिए भी साफ हो सकता है क्योंकि संख्या बल के हिसाब से देखे तो भाजपा के 78 और जदयू के 45 विधायकों को जोड़ने के बाद यह संख्या 123 ही होती है। इसमें हम के 4 विधायकों को जोड़ दे तो यह संख्या 127 होती है। 

भाजपा और जदयू को डर है कि अगर हम पार्टी राजद के साथ चली गई तो उसके विधायकों की संख्या 123 ही रहेगी। ऐसी स्थिति में सरकार पर कभी भी खतरा मंडरा सकता है। 

इधर कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि हम पार्टी और अन्य दलों को मिलाकर राजद और कांग्रेस सरकार बनाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में कह दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम को महागठबंधन में मिलाया जा सकता है।
हम के महागठबंधन में जाने की अटकलों के बीच बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी शनिवार को हम सुप्रीमों जीतन राम मांझी से मुलाकात की है। सूत्रों का दावा है कि जीतन राम मांझी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे एनडीए में ही रहेंगे। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें