Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार 6 नवंबर को 121 सीटों पर 1314 उम्मीदवारों के लिए वोट डाले जाएंगे। सीएम चेहरे तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मैथिली ठाकुर पहले चरण के प्रमुख उम्मीदवार है।
तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी
समी अहमद
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर 18 जिलों में कल मतदान होगा। वैसे तो इस चरण में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन सबसे बड़े उम्मीदवार महागठबंधन के सीएम चेहरा तेजस्वी प्रसाद यादव और एनडीए के वर्तमान उपमुख्यमंत्री भाजपा के सम्राट चौधरी हैं। इस चरण में 19 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
एक दिलचस्प बात यह है कि जदयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार भी व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने आखिरी चुनाव 2004 में लड़ा था। वैसे पहले चरण में लगभग 14 मंत्री भी चुनाव मैदान में हैं।
तेजस्वी और सम्राट चौधरी के अलावा एक और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की सीट पर चुनाव भी कल ही होना है। तेजस्वी के भाई और राजद से निकल गए तेज प्रताप यादव की किस्मत का फैसला भी कल ही होगा। इसके साथ ही जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले राजद के भोला यादव किस सीटों पर भी कल ही वोटिंग होगी। भाजपा के टिकट पर खड़ी प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर और राजद उम्मीदवार भोजपुरी कलाकार खेसारी लाल यादव के लिए भी कल ही वोट डाले जाएंगे।
तेजस्वी प्रसाद यादव लालू प्रसाद के गढ़ माने जाने वाले वैशाली जिले के राघोपुर से 2015 से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं और वह यहां से तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं। तेजस्वी यादव के सामने होंगे भारतीय जनता पार्टी के सतीश कुमार यादव जो 2010 में जनता दल यूनाइटेड के विधायक रह चुके हैं। 2010 में राजद का प्रदर्शन सबसे खराब रहा था और यहां से सतीश यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हरा दिया था ।इस बार यहां प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के चंचल सिंह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं।
उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी मुंगेर की तारापुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जो परंपरागत रूप से जनता दल यूनाइटेड का गढ़ रहा है। यहां सम्राट चौधरी की जाती कुशवाहा के अलावा यादव, मुसलमान और अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या अच्छी मानी जाती है। उनके सामने होंगे राजद के अरुण कुमार।
लखीसराय सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह उम्मीदवार हैं। वह छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां विजय कुमार सिन्हा की जाती भूमिहारों की संख्या अच्छी मानी जाती है हालांकि यादव और ओबीसी वर्ग के वोटरों की संख्या भी काफी है। यह सीट एनडीए की सबसे सुरक्षित सीट मानी जा रही है। उन्हें जनसुरज पार्टी के सूरज कुमार से भी चुनौती मिलेगी।
पारिवारिक झगड़ों के कारण लालू प्रसाद और राजद से अलग कर दिए गए तेज प्रताप यादव वैशाली जिले की ही महुआ सीट से उम्मीदवार हैं। इस सीट पर राजद ने अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया है और तेजस्वी यादव का कहना है कि पार्टी सबसे ऊपर है इसलिए वह तेज प्रताप की कोई मदद नहीं कर सकते हालांकि राबड़ी देवी ने इच्छा व्यक्त की है कि तेज प्रताप को जितना चाहिए। तेज प्रताप के सामने राजद के मुकेश कुमार रोशन और लोजपा रामविलास के संजय सिंह होंगे।
प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर दरभंगा जिले की अलीनगर से भाजपा की उम्मीदवार हैं। शुरुआत में स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में उनके उम्मीदवारों को लेकर रोष था। इस चुनाव में सबसे युवा उम्मीदवार मानी जा रही मैथिली ठाकुर के सामने राजद के विनोद मिश्रा होंगे जो 2020 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। इस सीट को वैसे तो आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन पिछले चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मिश्रीलाल यादव को जीत मिली थी जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में चले गए। याद रहे की 2020 में वीआईपी एनडीए में थी।
नालंदा जिले की हरनौत सीट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह हिला के होने की वजह से काफी अहमियत मिलती है। यह सीट जदयू का गढ़ मानी जाती है और कुछ महीना पहले तक यह प्रयास लगाया जा रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार यहां से चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि ऐसा हुआ नहीं। यहां से जदयू के हरिनारायण सिंह 2015 और 2020 में चुनाव जीत चुके हैं। उनके सामने मुख्य रूप से कांग्रेस के अरुण कुमार और जनसुरज पार्टी के कमलेश पासवान हैं।
इस चरण में एक और महत्वपूर्ण सी सीवान की है जहां से भाजपा के उम्मीदवार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के सामने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजद के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी सराय रंजन से चुनावी मैदान में हैं। इस बार की सीट शेयरिंग में टिकट से वंचित रहने के बाद चर्चा में आने वाले मंत्री रत्नेश सादा सोनबरसा से चुनाव लड़ रहे हैं। ध्यान रहे की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद रत्नेश सदा को टिकट मिला था।
सहनी समुदाय के महत्वपूर्ण नेता माने जाने वाले और मंत्री मदन साहनी दरभंगा की बहादुरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। नकली दवा कांड को लेकर चर्चा में रहे मंत्री और भाजपा उम्मीदवार जीवेश कुमार दरभंगा की जाले सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां कांग्रेस ने इस बार ऋषि मिश्रा को टिकट दिया है और उसे उसके पिछले उम्मीदवार मशकूर उस्मानी से विद्रोह का सामना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वजातीय और बेहद भरोसेमंद माने जाने वाले श्रवण कुमार नालंदा जिले की नालंदा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। इस जिले की अस्थावां सीट से पूर्व मंत्री और कभी जदयू प्रमुख रहे आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह जन सुराज के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
जहां तक बाहुबलियों का मामला है तो मोकामा में जदयू के अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के बीच मुकाबला है। वीणा देवी राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। ध्यान रहे कि अनंत सिंह जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की हाल ही में की गई हत्या के मुख्य अभियुक्त हैं और जेल में बंद हैं। पूर्व सांसद और दिवंगत बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब सीवान की रघुनाथपुर सीट से आरजेडी उम्मीदवार है।
फ्रेंडली फाइट की वजह से सबसे चर्चित रही बेगूसराय की बछवाड़ा सीट पर भी पहले ही चरण में चुनाव है। यहां भाजपा के सामने महागठबंधन के दो घटक दलों कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीबदास और सीपीआई के अवधेश राय के बीच मुकाबला है। इसके अलावा पहले चरण में वैशाली, राजापाकर, बिहारशरीफ और बेलदौर सीटें भी ऐसी हैं जहां महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट बताई जा रही है।