राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सोमवार 20 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। राजद नेता तेजस्वी यादव को वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब इंडिया गठबंधन के भीतर सीट-बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होने वाले हैं, जबकि मतगणना और नतीजों की घोषणा 14 नवंबर को होगी।
पहले चरण में 6 नवंबर को 243 में से 121 सीटों पर मतदान होगा, और इन सीटों के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख आज दोपहर 3 बजे समाप्त हो रही है। रविवार देर रात तक कुल 1,375 नामांकन स्वीकार किए गए थे।

कांग्रेस ने भी जारी की छह उम्मीदवारों की सूची 

कांग्रेस ने सोमवार देर रात छह और उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसके बाद पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की कुल संख्या 60 हो गई है। कांग्रेस की सूची में वाल्मीकि नगर से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, अररिया से अबिदुर रहमान, अमौर से जलील मस्तान, बरारी से तौकीर आलम, कहलगांव से प्रवीण सिंह कुशवाहा और सिकंदरा (एससी) से विनोद चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि, महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों राजद और कांग्रेस के बीच सीट-बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हो सका है।
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आरजेडी की सफाई 

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व हालात पर नज़र रखे हुए है और गठबंधन के अंदरूनी मतभेद जल्द सुलझा लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को ज़मीनी हकीकत समझनी चाहिए। “राजद सिर्फ बिहार और झारखंड की कुछ सीटों पर चुनाव लड़ती है। हम कर्नाटक, राजस्थान या मध्य प्रदेश में कांग्रेस से सीट नहीं मांगते। गठबंधन में ऐसी स्थिति आती रहती है, लेकिन सभी दल जल्द एक साथ बैठकर समाधान निकाल लेंगे,” तिवारी ने एएनआई से कहा।

‘फ्रेंडली फाइट’ की संभावना वाली सीटें 

महागठबंधन के घटक दलों के बीच जिन सीटों पर “फ्रेंडली फाइट” की स्थिति बन सकती है, उनमें लालगंज, वैशाली, राजापाकर, रोसेरा, बिहारशरीफ, बछवारा, तारापुर, कटुंबा और कहलगांव जैसी सीटें शामिल हैं। नामांकन दाखिल करने की आख़िरी तारीख़ दूसरे चरण के लिए सोमवार, 20 अक्टूबर है। पहले चरण के नामांकन वापस लेने की आख़िरी तारीख़ भी सोमवार है, जबकि दूसरे चरण के लिए 23 अक्टूबर तय की गई है।

दल-बदल का दौर जारी 

बिहार के इस चुनावी मौसम में नेताओं का दल-बदल जारी है। नवीनतम घटनाक्रम में पूर्व सांसद और चार बार के विधायक सरफराज आलम ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में औपचारिक रूप से प्रवेश कर लिया है। सरफराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं, जिन्होंने जोकीहाट विधानसभा सीट से चार बार जीत हासिल की, 1996 और 2000 में राजद के टिकट पर, और 2010 व 2015 में जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर। यह दल-बदल बिहार की राजनीति में व्यावहारिक गठजोड़ के प्रचलन को बता रहा है, जहां विचारधारा अक्सर ताक पर रख दी जाती है।
पिछले विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों के बैनर तले जीतने वाले नौ उम्मीदवार अब नई पार्टी संबद्धता के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले साल ग्रैंड एलायंस सरकार के पतन के बाद, राजद और कांग्रेस के सात विधायकों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का समर्थन करने के लिए पाला बदल लिया था। इनमें से एक को छोड़कर सभी को आगामी चुनाव के लिए पार्टी टिकट से नवाजा गया है।
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चुनाव की तैयारियां जोरों पर 

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। सभी दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा और रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। सीट-बंटवारे और दल-बदल की गतिविधियों के बीच मतदाताओं की नजर अब प्रत्याशियों के प्रदर्शन और गठबंधन की एकजुटता पर टिकी है।