भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में ही क्षेत्रीय दलों के अस्तित्व पर सवाल उठाया था लेकिन 2024 के चुनाव की ऐसी मजबूरी है कि उन्हें एक के बाद एक क्षेत्रीय दलों से समझौता करना पड़ रहा है। इस समझौते के साथ ही भाजपा को इस सवाल का भी सामना करना होगा कि बिहार में सहयोगी दलों को सीट देने के मामले में वह कितना सहयोग कर सकती है।

विपक्षी दलों की एकजुटता के बीच बीजेपी भी कई दलों को एनडीए में शामिल कर रही है। बिहार में भी इसने कई दलों को शामिल किया है, लेकिन वह सीटों का बँटवारा कैसे करेगी?
2019 में नीतीश कुमार के साथ 40 में से 39 लोकसभा सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ अब स्वर्गीय रामविलास पासवान की लोक शक्ति जनता पार्टी के दो धड़े हैं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और जनता दल यूनाइटेड से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा का राष्ट्रीय लोक जनता दल भी है। इसके अलावा मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी आसपास ही है हालाँकि अभी उसने एनडीए में शामिल होने का ऐलान नहीं किया है।
























