loader

बिहार में क्या हिजाब मुद्दा है? जानिए बीजेपी के सहयोगी नीतीश क्या बोले

बीजेपी शासित कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में मुसलिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर जो विवाद है क्या वह मुद्दा बिहार में भी है? राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाने वाले जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं?

इस सवाल का जवाब नीतीश कुमार ने ही दिया है। उन्होंने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को तवज्जो नहीं देते हुए सोमवार को कहा कि उनके राज्य में यह कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि यहाँ धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाता है। वैसे, नीतीश कुमार की यह लाइन कम से कम बीजेपी के अनुकूल नहीं लगती है, भले ही बीजेपी भी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की बात कहे।

ताज़ा ख़बरें

'जनता के दरबार कार्यक्रम' के दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अगर कोई कक्षा में सिर पर कुछ डालता है, तो उस पर टिप्पणी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिहार में यह कोई मुद्दा नहीं है और हमें ऐसी चीजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए..यह बेकार की चीज है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामला अदालत में चला गया है। 

नीतीश ने कहा, 'बिहार के स्कूलों में बच्चे लगभग एक ही तरह की पोशाक पहनते हैं। अगर कोई सिर पर कुछ डालता है तो उस पर टिप्पणी करने की कोई ज़रूरत नहीं है। हम ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। हम एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं।' 
कर्नाटक में हिजाब पर उठे विवाद के बीच नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार के लिए हर कोई समान है।

कर्नाटक के उडुपी जिले के सरकारी कॉलेजों में छात्राओं के कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के बाद टकराव शुरू हुआ। विवाद तब शुरू हुआ था जब 6 मुसलिम छात्राओं के एक समूह को हिजाब पहनने के कारण उडुपी ज़िले में कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। बाद में ऐसा ही विवाद दूसरे कॉलेजों में भी हो गया।

बिहार से और ख़बरें

कर्नाटक में हिजाब का विवाद देश भर में मुद्दा बन गया है। इसको लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के कई ज़िलों में पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएँ भी हुई हैं। स्कूल-कॉलेज तक बंद करने पड़े। यह मामला हाई कोर्ट पहुँच गया है।

हिजाब विवाद पर सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट में छात्राओं ने सोमवार को दलील दी है कि ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाता हो। हाई कोर्ट हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। सोमवार की सुनवाई पूरी हो गई है। इस पर मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे से फिर से सुनवाई होगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें