Bihar Elections NDA Sharing Meeting: बिहार चुनाव के लिए एनडीए की सीट शेयरिंग पर दिल्ली बैठक शनिवार को बेनतीजा रही। हम (HAM) नेता जीतन राम मांझी ने प्रस्तावित सीट आवंटन फॉर्मूले पर आपत्ति जता दी है। हालांकि कल रविवार को बड़ी घोषणा की बात कही गई है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के वरिष्ठ नेताओं की शनिवार को दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे पर गहन विचार-विमर्श किया गया। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सीटों के आवंटन को लेकर सहयोगी दलों के बीच मतभेद उभर आए हैं। खासकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) के नेता जीतनराम मांझी ने प्रस्तावित फॉर्मूले पर नाराजगी जाहिर की है। बैठक में भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे बड़े दलों के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
बैठक के बाद बिहार भाजपा प्रमुख दिलीप जायसवाल ने एनडीए में सब कुछ सामान्य होने का दावा किया। उन्होंने कहा, "एनडीए के अंदर सब ठीक है। सीट बंटवारे का फॉर्मूला और उम्मीदवारों की सूची जल्द ही तय हो जाएगी। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व रविवार सुबह 11 बजे महत्वपूर्ण घोषणा करेगा।" हालांकि, छोटे सहयोगियों की ओर से असंतोष की खबरें आ रही हैं, जो गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रही हैं। इसलिए यह घोषणा टल भी सकती है।
जानकारी के अनुसार, जनता दल (यूनाइटेड) को 102 सीटें और भाजपा को 101 सीटें मिलने की संभावना है। लेकिन चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को पहले 20-22 सीटें देने का समझौता था, जो अब 25 या इससे अधिक की मांग कर रही है। पार्टी के कुछ सदस्यों का दावा है कि वे 40 सीटें भी चाहते हैं।
इसी तरह, जीतनराम मांझी की एचएएम को कम से कम 15 सीटें चाहिए, लेकिन उन्हें केवल 7-8 सीटें ही ऑफर की गई हैं। मांझी ने साफ कहा, "हम मांग नहीं कर रहे, अनुरोध कर रहे हैं। अगर सम्मानजनक संख्या में सीटें न मिलीं तो हम चुनाव से बाहर रहना पसंद करेंगे।" यदि बातचीत विफल रही तो एचएएम 15-20 सीटों पर स्वतंत्र रूप से लड़ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि गोविंदगंज सीट लोक जनशक्ति पार्टी को देने पर सहमति बन गई है, लेकिन भाजपा ब्रह्मपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शेखपुरा (जो वर्तमान में जेडीयू के पास है) सहित दो सीटों पर दावा कर रही है, लेकिन अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। कुशवाहा ने कहा, "सीट बंटवारे की चर्चा जारी है।" सूत्रों ने कहा कि बैठक में चिराग पासवान का महत्व साफ दिखाई दिया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सहयोगी दलों से बातचीत कर डील पुख्ता करने की कोशिश की। चिराग पासवान ने भी असंतोष से इंकार किया और कहा, "एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। मैं किसी से नाराज नहीं हूं।"
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इन चर्चाओं का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 पर भी पड़ सकता है, लेकिन अभी दिल्ली के लिए कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है। एनडीए नेतृत्व उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही अंतिम फॉर्मूला तय हो जाएगा, ताकि उम्मीदवार चयन सुचारू रूप से हो सके।
एनडीए जिस तरह सीट बंटवारे पर महागठबंधन पर टिप्पणियां कर रहा था, अब उसे चुप होना पड़ेगा, क्योंकि खुद एनडीए अब इसका सामना कर रही है। शनिवार की बैठक से यह बात तो साफ हो गई कि चिराग पासवान को सीट के मामले में ज्यादा महत्व मिलेगा। इसी तरह जेडीयू की सीटें कम हो सकती हैं। लेकिन जेडीयू के प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि जेडीयू की सीटें ज्यादा संख्या में कम नहीं होंगी।