Bihar Vote Chori Latest: बिहार में वोट चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। उत्तराखंड के बीजेपी नेता ने बिहार में मतदान किया है, जबकि उनकी आईडी उत्तराखंड में सक्रिय थी। पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर ने इस संबंध में प्रमाण पेश किए हैं।
उत्तराखंड के बीजेपी नेता प्रभात कुमार पर बिहार में वोट डालने का आरोप है।
फैक्ट चेकर और ऑल्ट न्यूज के सहसंस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने भाजपा नेता और उत्तराखंड के सोशल मीडिया प्रभारी प्रभात कुमार को लेकर कई प्रमाण एक्स पर शेयर किए हैं। प्रभात पर पर 6 नवंबर, 2025 को हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान करने का आरोप है, जबकि उनका वोटर आईडी अभी भी उत्तराखंड के देहरादून में सक्रिय है। बिहार में 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 5 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आशंका जताई थी कि बिहार में वोट चोरी की जा सकती है। उस दिन उन्होंने हरियाणा में हुई वोट चोरी के प्रमाण पेश किए थे।
वोट चोरी में उत्तराखंड के बीजेपी नेता का नाम कैसे आया
ज़ुबैर ने भाजपा नेता का जो वोटर आईडी साझा किया, जिसमें दिखाया गया है कि उत्तराखंड का ईपीआईसी (EPIC) नंबर अभी भी सक्रिय है। उन्होंने 'एक्स' (X) पोस्ट में बताया, "जब उन्होंने 2024 में मतदान किया था, तो हमने उनकी तस्वीर के बैकग्राउंड का इस्तेमाल करके उनके ईपीआईसी नंबर का विवरण प्राप्त किया था। इसमें 'सनातन धर्म इंटर कॉलेज, रेसकोर्स रोड, देहरादून' लिखा है। उनके पिता का नाम भी मेल खाता है।"
फैक्ट चेकर ने यह भी बताया, "बिहार से भी उनका ईपीआईसी नंबर मिल गया है। लेकिन उसे उन्होंने शेयर नहीं किया है। समझा जाता है कि चुनाव आयोग की सफाई आने के बाद पत्रकार ज़ुबैर उसे शेयर करेंगे। फैक्ट चेकर ने सवाल किया कि जिस व्यक्ति का वोटर आईडी देहरादून (उत्तराखंड) से है, वह बिहार आकर कैसे मतदान कर सकता है? उन्होंने जोड़ा, "केंद्रीय चुनाव आयोग को बहुत कुछ स्पष्ट करना है।"
फैक्ट चेकर के मुताबिक भाजपा नेता ने 8 नवंबर को बिहार में मतदान किया। इससे पहले, उन्होंने 23 जनवरी को देहरादून नगर निगम चुनाव के दौरान उत्तराखंड में, और 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में मतदान किया था।
ज़ुबैर ने भाजपा नेता के मतदान के बाद की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, "14 फरवरी, 2022 को उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में मतदान किया। 11 अप्रैल, 2019 को उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में मतदान किया। 18 नवंबर, 2018 को उन्होंने देहरादून नगर निगम चुनाव के दौरान उत्तराखंड में मतदान किया।"
उन्होंने कई अन्य तस्वीरें भी साझा कीं जिनमें प्रभात कुमार को विभिन्न चुनावों के लिए बिहार और उत्तराखंड में कई बार मतदान करते हुए देखा गया। ज़ुबैर का यह खुलासा बिहार के दो चरणों के चुनावों में कथित नकली मतदाताओं और मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर विपक्षी दलों के विरोध के बीच आया है। बिहार चुनाव का दूसरा चरण 11 नवंबर को होना है और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
बीजेपी नेता राकेश सिन्हा का विवादित मामला और खंडन
इससे पहले भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा का मामला ठीक इसी तरह सामने आया था। बिहार में पहले चरण का मतदान खत्म होते ही सोशल मीडिया और खबरों में फोटो दिखाई दी। जिसमें राकेश सिन्हा फरवरी में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में वोट डालने का फोटो खिंचवा रहे थे और 6 नवंबर को बिहार में हुए मतदान का भी फोटो ठीक दिल्ली वाले अंदाज में आया। लेकिन सिन्हा ने आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश है। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली चुनाव के बाद अपना वोट बेगुसराय जिले में ट्रांसफर करा लिया था।" सिन्हा की सफाई को राजनीतिक दलों ने मान लिया लेकिन अब उत्तराखंड के भाजपा नेता का आने के बाद बीजेपी ने चुप्पी साध ली है।विपक्षी नेता राहुल गांधी चुनावों में बड़े पैमाने पर 'वोट चोरी' और चुनावी धांधली का आरोप लगातार लगा रहे हैं। ज़ुबैर के खुलासे से पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 5 नवंबर को कहा था कि भाजपा और चुनाव आयोग (ECI) की मिलीभगत से मतदाता सूचियों में हेराफेरी की जा रही है। उनका आरोप है कि पहले ही लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, और मतदान केंद्रों पर भी लोगों को वोट डालने से रोका जा रहा है, जो लोकतंत्र की हत्या के समान है। राहुल ने बिहार में भी वोट चोरी की आशंका जताई थी।
राहुल ने कहा था कि कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता, जिन्होंने पहले अन्य राज्यों के चुनावों में मतदान किया था, उन्होंने हरियाणा में वोट दिया था। वे बिहार में भी वोट दे सकते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह 'एक व्यक्ति, एक वोट' के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन है और यह दिखाता है कि कैसे 'एक व्यक्ति, अनेक वोट' का खेल चल रहा है।
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी थोक में 'वोट चोरी' हुई थी, और बिहार में भी उसी रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार का नाम लेते हुए उन पर संविधान और लोकतंत्र के साथ सबसे बड़ा खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने युवाओं और 'जनरेशन Z' (Gen Z) से इस 'वोट चोरी' के पैटर्न को पहचानने और यह याद रखने की अपील की कि जो सरकार वोट चोरी से बनती है, वह कभी उनके हित में काम नहीं करेगी।