बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की दहलीज पर खड़े होने के साथ ही सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी घोषणाओं के जरिए जनता को लुभाने में जुटे हैं। नितीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने हाल के महीनों में ऐसी-ऐसी योजनाएं घोषित की हैं, जो राज्य के वित्तीय संसाधनों पर भारी बोझ डाल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये लोकलुभावन वादे अल्पकालिक राजनीतिक लाभ तो दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में बिहार की आर्थिक सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बिहार चुनाव 2025ः लोकलुभावन योजनाएं भारी पड़ेंगी कर्ज में डूबे राज्य पर
- बिहार
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- 15 Oct, 2025
बिहार के चुनाव में राजनीतिक दल लोकलुभावन योजनाओं की बारिश कर रहे हैं। जबकि वे राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। मुफ़्त बिजली से लेकर रोज़गार की गारंटी तक, ये वादे राज्य के ₹3.33 लाख करोड़ के कर्ज़ पर भारी पड़ सकते हैं।

नीतीश कुमार ने बिहार में मुफ्त बिजली की घोषणा की है