राजापाकर (एससी) सीट कांग्रेस के कब्जे में है। मगर, इस सीट को महागठबंधन में बमुश्किल कांग्रेस बचा पायी है। क्या चुनाव के मैदान में भी कांग्रेस अपनी यह सीट बचा पाएगी? यह सवाल कांग्रेस के लिए और महागठबंधन के लिए भी अहम है। कांग्रेस की विधायक प्रतिमा दास के लिए राजापाकर का दंगल उनके राजनीतिक करियर के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बिहार चुनाव: राजापाकर में जातीय समीकरण प्रतिमा दास के पक्ष में
- बिहार
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- 17 Oct, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव में राजापाकर सीट पर जातीय समीकरण इस बार प्रतिमा दास के पक्ष में दिख रहे हैं। कौन-सी जातियाँ उनके साथ हैं और विपक्ष की रणनीति क्या है?

प्रतिमा दास
जो बात बीते चुनाव में संघर्ष और कठिन परिस्थिति में प्रतिमा दास की जीत को ऐतिहासिक बना रही थी, वही बात गठबंधन की सियासत में प्रतिमा दास और कांग्रेस के खिलाफ होती दिखी। बहुत कम मार्जिन से जीत नकारात्मक रूप में व्यक्त की जा रही थी। स्थानीय सियासत में परस्पर विरोध में वोट डालते रहे राजपूत और यादव मतदाताओं के बीच से सीट निकालने की क्षमता कहीं गिनी नहीं जा रही थी। यहां तक कि कांग्रेस के भीतर भी प्रत्याशी बदलकर दावा करने की बात करने वाले कम न थे। मगर, प्रतिमा दास ने मजबूती से अपना पक्ष कांग्रेस में और कांग्रेस ने महागठबंधन में रखा और राजापाकर में एक बार फिर प्रतिमा दास चुनाव मैदान में हैं। आरजेडी की भी इस सीट पर नज़र थी लेकिन यह उनके हिस्से नहीं आई।