Bihar 'gaali' row: बिहार में तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान पीएम मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल का आरोप बीजेपी ने लगाया है। आरजेडी ने इसे साजिश करार दिया। कहा वीडियो फर्जी है।
बिहार में तेजस्वी की रैली
बिहार की सियासत में एक बार फिर 'गाली राजनीति' का दौर लौट आया है। विधानसभा चुनाव नज]दीक आते जा रहे हैं, उसी के साथ माहौल में गर्मी बढ़ रही है। भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' के आखिरी दिन महुआ विधानसभा क्षेत्र में एक वीडियो साझा कर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का दावा है कि यात्रा के दौरान आरजेडी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां हीराबेन मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जबकि तेजस्वी मंच पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रहे थे। हालंकि ये वीडियो कितना सही है, इस पर विवाद है। ऐसे वीडियो पहले भी सामने आते रहे हैं, जिसमें आवाज डालने का आरोप लगे हैं।
यह कथित घटना महुआ (वैशाली जिला) में शनिवार को हुई, जब तेजस्वी 16 सितंबर को जहानाबाद से शुरू हुई अपनी यात्रा के पहले चरण का समापन करने पहुंचे। भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो पोस्ट कर हंगामा मचा दिया। वीडियो में एक व्यक्ति को पीएम मोदी और उनकी मां के खिलाफ कथित तौर पर गालियां देते सुना जा सकता है।, जबकि तेजस्वी भाषण दे रहे हैं। भाजपा बिहार यूनिट ने इसे 'बिहार की संस्कृति पर हमला' बताते हुए विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा।
वीडियो को एडिट कर अपशब्द डाले गएः आरजेडी
आरजेडी ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। महुआ से आरजेडी विधायक डॉ. मुकेश रोशन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "प्रधानमंत्री के लिए कोई अपशब्द इस्तेमाल नहीं किया गया। भाजपा ने वीडियो को एडिट कर तेजस्वी और पार्टी को बदनाम करने की साजिश रची है। तेजस्वी का पूरा भाषण अनएडिटेड फेसबुक वीडियो में उपलब्ध है।" उन्होंने दावा किया कि यात्रा में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया और यह भाजपा की हार का डर है।आरजेडी प्रवक्ता चित्रनजन गगन ने कहा, "तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' को अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है, जिससे भाजपा घबरा गई है। वे फर्जी वीडियो फैला रहे हैं।" पार्टी ने वीडियो की निष्पक्ष जांच की मांग की है। तमाम मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।
'कंस की तरह बर्बाद होंगे अपमान करने वाले': भाजपा
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, "तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मोदी जी की स्वर्गीय मां का अपमान किया। उन्होंने बिहार की संस्कृति को फिर से तार-तार कर दिया। रैली में आरजेडी कार्यकर्ता जितनी गालियां दे रहे थे, तेजस्वी उतना ही उनका हौसला बढ़ा रहे थे। बिहार की मां-बहनें इस गुंडागर्दी और अपशब्दों के लिए उन्हें जरूर जवाबदेह ठहराएंगी।" उन्होंने कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन की यह 'गालीबाज योजना' अब जनता के बीच उजागर हो गई है।
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा, "तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी जी की स्वर्गीय मां को गालियां दी गईं... और आरजेडी नेता अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे थे। यह शर्मनाक है... इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है।" केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा, "पीएम मोदी और उनकी मां का अपमान करने वाले 'कंस' की तरह बर्बाद हो जाएंगे। तेजस्वी और राहुल का विनाश नजदीक है। बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाने को तैयार है।"
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी कहा कि तेजस्वी ने अपशब्दों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने इसे विपक्ष की 'असभ्य और असंस्कृत' राजनीति का हिस्सा बताया। भाजपा प्रवक्ता शाहजाद पूनावाला ने भी आरजेडी पर तीखा प्रहार किया। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि विपक्ष ने माफी नहीं मांगी, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
यह विवाद पिछले महीने के उस हंगामे की याद दिला रहा है, जब दरभंगा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान एक व्यक्ति ने पीएम मोदी की मां के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। उस समय भाजपा ने एफआईआर दर्ज कराई, राज्य बंद का आह्वान किया और पटना में कांग्रेस मुख्यालय के पास सड़क पर झड़पें हुईं। पीएम मोदी ने खुद इसे 'हर मां का अपमान' बताते हुए दुख जताया था। लेकिन यह मामला बहुत दिनों तक नहीं चल सका।
चुनावी बिहार में बढ़ता तनाव
बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। तेजस्वी यादव, जो इंडिया गठबंधन के संभावित चेहरे हैं, ने 16 सितंबर को जहानाबाद से यात्रा शुरू की थी, जो वैशाली में समाप्त हुई। यात्रा का मकसद जनसमर्थन जुटाना है। भाजपा इसे 'राजनीतिक षड्यंत्र' बता रही है, जबकि विपक्ष इसे 'लोकतांत्रिक जवाब'। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद चुनावी माहौल को और गरमा देगा।