बिहार के मुसलिम वोटर इन दिनों बहुत ही पसोपेश में होंगे। वे सोच रहे होंगे कि अपना वोट महागठबंधन के उम्मीदवारों को दें जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया है और उनके पक्ष में आवाज़ उठाई है या फिर नीतीश कुमार की जेडीयू को दें जो फ़िलहाल बीजेपी के साथ हैं लेकिन जिनको कमज़ोर करने की पूरी कोशिश बीजेपी की तरफ़ से हो रही है।
क्या नीतीश को समर्थन दे सकते हैं बिहार के मुसलमान?
- बिहार
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- 15 Oct, 2020


बिहार के मुसलिम मतदाता दुविधा में होंगे कि वे इस बार किसका साथ दें। वे महागठबंधन का साथ देना चाहते हैं लेकिन उसके सत्ता में आने के आसार कम हैं। दूसरी तरफ़ बीजेपी नीतीश को कमज़ोर कर अपने दम पर सत्ता हथियाना चाहती है। ऐसे में बीजेपी को रोकने के लिए क्या वे नीतीश का समर्थन कर सकते हैं?
पसोपेश का कारण यह है कि बिहार में चुनाव के बाद एनडीए की सरकार बन रही है, इसके बारे में किसी को कोई शक-शुबहा नहीं है। बिहार का जातीय गणित उसी की तरफ़ इशारा करता है और सी-वोटर का ताज़ा सर्वे भी यही बता रहा है।
सवाल बस यही है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। क्या बीजेपी जेडीयू से अधिक सीटें ले जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो सत्तारूढ़ गठबंधन के समीकरण क्या और किस तरह बदलेंगे?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश

























