बिहार में चुनावी हलचल तेज़ हो गई। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को अपने पूरे तेवर दिखाए। बीजेपी-जेडीयू को सीधे चेतावनी दी। कांग्रेस ने मंगलवार को जहां अपनी चुनाव समिति का गठन किया। वहीं बीजेपी ने 243 सेवा रथ गांवों को रवाना किया है। इस सेवा रथ पर प्रधानमंत्री मोदी के शुरुआती जीवन के संघर्ष पर बनी फिल्म को दिखाया जाएगा। चूंकि बुधवार को मोदी का 75वां जन्मदिन है, इसलिए उसी मौके पर इसे चुनाव से जोड़ा गया है। यह एक तरह से चुनावी प्रचार की शुरुआत है।

चिराग ने कहा- 'मैं सब्ज़ी में नमक की तरह', चेतावनी दी

चिराग पासवान ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सत्तारूढ़ भाजपा-जेडीयू गठबंधन को एक और चेतावनी दी है। मंगलवार को एनडीटीवी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) प्रमुख ने अपने 'सहयोगियों' को वोटों को प्रभावित करने की अपनी क्षमता की याद दिलाई - 'मैं सब्ज़ी में नमक की तरह हूँ... मैं हर निर्वाचन क्षेत्र में 20,000 से 25,000 वोटों को प्रभावित कर सकता हूँ' और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की भी। 

'मुझे मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं समर्थक'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह जेडीयू के संरक्षक नीतीश कुमार की जगह बिहार के अगले मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया, "मेरे समर्थक मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, लेकिन यह बहुत सामान्य बात है... समर्थकों का अपने नेताओं के लिए बड़े सपने देखना। मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।"

चिराग पासवान चाहते हैं 40 सीटें

इसी के आधार पर, चिराग पासवान ने भाजपा को 'यह दिल मांगे मोर' का संकेत दिया है। सूत्रों ने मीडिया को बताया कि वह 40 सीटें चाहते हैं। पासवान ने बस इतना कहा, "मुझे अच्छी संख्या में सीटें चाहिए... मेरे मन में एक संख्या है और मैं अच्छी सीटें चाहता हूँ।" उन्होंने कहा, "लेकिन मैं सार्वजनिक मंच पर इसका खुलासा नहीं करना चाहता। यह एक गठबंधन सहयोगी के लिए अनैतिक होगा।" उन्होंने इस ओर इशारा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने अभी तक औपचारिक रूप से सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू नहीं की है।
पासवान बिहार की 243 सीटों में से एक बड़े हिस्से के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। 2020 के चुनाव में लोजपा (जो उनके पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद भी अविभाजित थी) ने जिन 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से केवल एक पर ही जीत हासिल की थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में, चिराग पासवान के लोजपा गुट ने जिन पाँच सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन सभी पर जीत हासिल की। वोट शेयर के लिहाज से यह लगभग एक प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। 

बिहार कांग्रेस चुनाव समिति में कई दिग्गज 

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस ने मंगलवार को अपनी प्रादेशिक चुनाव समिति का गठन किया, जिसमें बिहार इकाई के प्रमुख राजेश राम, शकील अहमद खान और मदन मोहन झा जैसे लोग शामिल हैं, ताकि चुनाव के लिए तैयारियां शुरू की जा सकें। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति की प्रादेशिक चुनाव समिति के गठन के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।
इस समिति में 39 सदस्य हैं, और इसके अतिरिक्त सभी सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, एआईसीसी सचिव, बिहार से सीडब्ल्यूसी सदस्य और फ्रंटल संगठनों के प्रमुख इस पैनल में स्थायी आमंत्रित सदस्य होंगे। चुनाव समिति में राजेश राठौर, मोतीलाल शर्मा, अंशुल अविजीत, कैसर अली खान, रमेश प्रसाद यादव, शशि रंजन, सुबोध मंडल, फौजिया राना और खुशबू कुमारी सहित अन्य शामिल हैं। हाल ही में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर यात्रा निकाली थी। इसे काफी जनसमर्थन मिला था।

मोदी पर बीजेपी की फिल्म 'चलो जीते हैं'

बिहार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 243 वैन भेजी हैं। जिनमें बड़े स्क्रीन लगे हैं ताकि 'चलो जीते हैं' फिल्म दिखाई जा सके। यह फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन पर आधारित है, ताकि "जनता को यह एहसास हो कि राजनीति का असली मकसद सेवा है।" नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।

मोदी पर फिल्म में क्या दिखाया गया है

यह लघु फिल्म स्वतंत्रता के बाद के वडनगर, गुजरात में एक लड़के नरेंद्र या नरू के बारे में है, जहां मोदी ने अपना बचपन बिताया। इसके सार में कहा गया है कि यह लड़का स्वामी विवेकानंद के उद्धरण 'जो दूसरों के लिए जीते हैं, वही वास्तव में जीते हैं' से प्रेरित है। 
बीजेपी ने कहा कि "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी बचपन और संघर्षों पर आधारित फिल्म 'चलो जीते हैं' बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में दिखाई जाएगी। यह फिल्म हर नागरिक को सिखाएगी कि जो कठिनाइयों के बावजूद सेवा, संघर्ष और संकल्प का रास्ता चुनता है, वही समाज का सच्चा सेवक है।"
बिहार बीजेपी के एक्स हैंडल ने पटना के गांधी मैदान से इन 'सेवा रथ' वाहनों के रवाना होने का विवरण जारी किया। 17 सितंबर को पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर इन्हें मंगलवार को रवाना किया गया। बीजेपी जन्मदिन को 'सेवा पखवाड़ा' के रूप में मना रही है।
बीजेपी ने एक्स पर लिखा है- "आने वाले दिनों में, ये रथ बिहार के हर गांव, हर गली और हर मोहल्ले में जाएंगे, जनता को यह एहसास दिलाते हुए कि राजनीति का असली उद्देश्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि समाज की सेवा और अंतिम व्यक्ति तक बदलाव लाना है।"