ECI Bihar SIR Aadhar: चुनाव आयोग ने कहा है कि बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम न होने वाले आधार की प्रति के साथ दावा कर सकते हैं। नेता विपक्ष राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा और विपक्ष के हमले के बाद आयोग ने सोमवार को यह आदेश दिया।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार में मतदाता सूची से संबंधित एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जिन व्यक्तियों के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं, वे अपने आधार कार्ड की प्रति के साथ दावा दायर कर सकते हैं। यह कदम राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा और इंडिया गठबंधन द्वारा ईसीआई की तीखी आलोचनाओं के बाद उठाया गया है। विपक्ष ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि, "ऐसे सभी मतदाता, जिनके नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं, वे प्रकाशित सूची में अपने मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर का उपयोग करके अपनी एंट्री की स्थिति और इसके पीछे के कारणों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।" इसके लिए मतदाताओं को अपने आधार कार्ड की प्रति के साथ संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे।
आयोग ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए शुरू की गई है। मतदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने दावों और आपत्तियों को निर्धारित समयसीमा के भीतर दर्ज करें, ताकि अंतिम मतदाता सूची में सभी पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल किए जा सकें।
हाल ही में, इंडिया ब्लॉक ने बिहार में मतदाता सूची को लेकर कई सवाल उठाए थे। गठबंधन ने आरोप लगाया था कि कई पात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिससे उनकी वोटिंग का अधिकार प्रभावित हो सकता है। इस आलोचना के जवाब में, ईसीआई ने यह कदम उठाया है ताकि मतदाताओं को अपनी स्थिति स्पष्ट करने और सूची में सुधार के लिए पर्याप्त अवसर मिल सके।
दावा दायर करने की प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाताओं के लिए दावा दायर करने की प्रक्रिया को सरल रखने की कोशिश की है। नोटिफिकेशन के अनुसार:
- 1. जांच की सुविधा: मतदाता अपने ईपीआईसी नंबर के माध्यम से आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय मतदाता पंजीकरण केंद्र पर अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।
- 2. दस्तावेज: आधार कार्ड की प्रति के साथ अन्य आवश्यक पहचान पत्र जमा करने होंगे।
- 3. समयसीमा: दावों और आपत्तियों को दर्ज करने की समयसीमा जल्द ही घोषित की जाएगी, जिसके लिए मतदाताओं को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- 4. सहायता केंद्र: मतदाताओं की सुविधा के लिए बिहार के सभी जिलों में सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि उसका उद्देश्य बिहार में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करना है। मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि को ठीक करने के लिए यह कदम उठाया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि सभी दावों और आपत्तियों की जांच पारदर्शी तरीके से की जाएगी, और किसी भी पात्र मतदाता को वोटिंग के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।
मतदाताओं से अपील
चुनाव आयोग ने बिहार के सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे ड्राफ्ट मतदाता सूची की जांच करें और यदि उनका नाम गायब है या कोई त्रुटि है, तो तुरंत अपने निकटतम मतदाता पंजीकरण केंद्र से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.eci.gov.in) पर भी मतदाता अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।
बिहार में आगामी विधानसभा या स्थानीय चुनावों से पहले यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मतदाता सूची की सटीकता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों से सहयोग की अपील की है। साथ ही, इंडिया ब्लॉक के नेताओं से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने समर्थकों को इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
चुनाव आयोग का यह कदम न केवल मतदाता सूची से संबंधित विवादों को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाने का भी एक माध्यम है। बिहार के मतदाताओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपनी शिकायतों को दर्ज करें और यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल हो।