बीस साल से बिहार में राज कर रहे नीतीश कुमार जब हड़बड़ी में पटना मेट्रो का उद्घाटन कर रहे थे उसके कुछ घंटे बाद ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते पटना और प्रदेश के अन्य शहरों में लगे उन होर्डिंगों और प्रचार सामग्री को उतारने में मजदूर जुट गए जिनसे राज्य सरकार आगामी चुनाव में कुछ लाभ पाने की उम्मीद कर रही है। मात्र तीन स्टेशनों के बीच मेट्रो चलाने की परियोजना भी इसी चलते हड़बड़ी में शुरू हुई। लेकिन नीतीश कुमार और उनके साथ सत्ता में भागीदारी कर रही बीजेपी को भरोसा है कि पचहत्तर लाख महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपए ट्रांसफर करने से लेकर डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर वाली जिन लगभग एक दर्जन योजनाओं की घोषणा पिछले कुछ महीनों के अंदर हुई है वह बीस साल के एंटी-इंकम्बेन्सी को काटकर एनडीए को जीत दिला देगी। विपक्ष भी इस बारे में मुंह खोलने और आलोचना करने से बच रहा है क्योंकि इससे उसकी छवि खराब होगी। सो विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर उनकी योजनाएं चुराने का आरोप लगा रहे हैं।