Bihar Power Scam: बिहार में मतदान से दो दिन पहले, वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने 62,000 करोड़ रुपये के बिजली खरीद घोटाले का आरोप लगाया। सीबीआई जांच की मांग की। उनके मुताबिक इस घोटाले में बिहार के अधिकारी और अडानी समूह की कंपनी शामिल है।
बीजेपी नेता आर के सिंह ने बिहार में बिजली घोटाले का आरोप लगाया है। इसमें अडानी समूह का नाम आया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक दो दिन पहले एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राज्य में 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का चौंकाने वाला खुलासा किया है।
सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य के बिजली विभाग में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है, जिसमें बिहार सरकार के मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की गहन जाँच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की है।
ऊँची कीमत पर बिजली खरीदी गई
पूर्व मंत्री आरके सिंह ने दावा किया है कि यह घोटाला बिहार में एक थर्मल पावर प्लांट से जुड़ा है। उनके अनुसार, एक कंपनी को 'बढ़ी हुई कीमत' पर प्लांट लगाने की अनुमति दी गई, और फिर राज्य सरकार ने एक महँगी दर पर बिजली खरीद का समझौता किया। आरके सिंह ने आरोप लगाया, "यह बहुत बड़ा घोटाला है। अडानी समूह के साथ एक समझौता किया गया है कि सरकार 25 साल तक बिजली ₹6.075 प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदेगी। अडानी को एक अत्यधिक बढ़ी हुई कीमत पर पावर प्लांट लगाने के लिए पैसे दिए गए हैं।"
जनता पर ₹1.41 प्रति यूनिट का अतिरिक्त बोझ
आरके सिंह ने दावा किया कि इस सौदे से बिहार की जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, यह ₹1,40,000 करोड़ का घोटाला है।"
जब उनसे घोटाले की कुल राशि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "यह इतना बड़ा घोटाला है... बिहार प्रति वर्ष ₹2,500 करोड़ से अधिक दे रहा है। कुल मिलाकर, 25 वर्षों में ₹6,200 करोड़ (ज़्यादा) दे रहा है। जनता को ₹1.41 प्रति यूनिट अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी को पूंजी पर 15% रिटर्न के अलावा भी अतिरिक्त पैसा दिया जा रहा है।
CBI जाँच और आपराधिक कार्रवाई की मांग
पूर्व मंत्री ने इस धोखाधड़ी में शामिल सभी मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें जेल भेजने की मांग की। उन्होंने कहा, "हम कह रहे हैं कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। सीबीआई अपनी गणना कर ले। जो मंत्री या जो पदाधिकारी इसमें लिप्त हैं, उन सब पर क्रिमिनल केस हो और वो सब जेल जाएँ।"
विपक्षी दलों ने उठाया मुद्दा
खेड़ा ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि आज शाम इस सनसनीखेज मुद्दे पर निश्चित रूप से टीवी डिबेट होंगी। आपको क्या लगता है?"
यह घटनाक्रम बिहार में 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान से ठीक पहले आया है। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।