ऐसे समय जब पूरे देश में कोरोना से 77 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और एक लाख से ज़्यादा लोगों की मौत इससे हो चुकी है, क्या कोरोना का मुफ़्त टीका वहीं के लोगों को दिया जाएगा जहां चुनाव होने को हैं?

क्या महामारी के इस भीषण दारुण काल में कोरोना के इलाज पर भी राजनीति होगी? क्या कोई सरकार या पार्टी इतनी संवेदनहीन हो सकती है कि वह कोरोना के वैक्सीन का राजनीतिकरण करे?


क्या कहा वित्त मंत्री ने

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के पहले पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 

ज्यों ही कोविड-19 वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा, बिहार में हर शख्स को मुफ़्त वैक्सीन मिलेगा। चुनावी घोषणा पत्र में यह हमारा पहला वादा है।'

बिहार में कोरोना

लेकिन इसके साथ ही कई बेहद महत्वपूर्ण सवाल खड़े होते हैं। बिहार में कोरोना की चपेट में 2,08,377 लोग आ चुके हैं, जिनमें से 1,019 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में यदि कोई सरकार सभी को मुफ़्त टीका देती है या कोई पार्टी इसका आश्वासन देती है तो इसे समझा जा सकता है। 

पर दूसरे तमाम राज्य जहां कोरोना की चपेट में बिहार की तुलना में ज़्यादा लोग आए हैं और मारे गए हैं, उनका क्या होगा. सवाल यह है। महाराष्ट्र में 16,17,658 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जिनमें से 42,633 लोगों की मौत हो गई।

आंध्र प्रदेश में 7,93,299 लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ, जिसमें से 6,508 लोगों की मौत हो गई। इसी तरह कर्नाटक में 10,696, तमिलनाडु में 10,780 और 6,755 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है।

ये तो अधिक प्रभावित राज्य हैं। देश का कोई कोना कोरोना की चपेट में आने से नहीं बचा है। 


ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इन राज्यों के लोगों को बीजेपी की केंद्र सरकार मुफ़्त टीका नहीं देगी? क्या बीजेपी बिहार के अलावा इन राज्यों को मुफ़्त टीका देने का वायदा नहीं करती है?

क्या यह इसलिए हो रहा है कि फिलहाल बिहार में ही चुनाव है?

राहुल का हमला

यही सवाल विपक्ष के तमाम नेता उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह जानने के लिए झूठे वायदे और वैक्सीन आपको कब मिलेंगे, अपने राज्य के चुनाव की तारीख देखें।’ 

कांग्रेस के ही सांसद व लेखक शशि थरूर ने तंज किया, ‘तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हें वैक्सीन दूंगा।’ 


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया, ‘ग़ैर-बीजेपी शासित राज्यों का क्या होगा? क्या जिन्होंने बीजेपी को वोट नहीं दिए हैं, उन्हें मुफ़्त कोरोना टीका नहीं मिलेगा?’


'सबको मुफ़्त कोरोना टीका'


केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इस पर सफाई दी। उन्होंने कहा, 

‘दुनिया भर में कोरोना टीका पर काम चल रहा है, जब यह तैयार हो जाएगा, हमने इसके वितरण के लिए विस्तृत योजना बनाई है कि किसे प्राथमिकता दी जाएगी। देश के हर राज्य के लोगों को मुफ़्त कोरोना टीका मिलेगा।’

लेकिन अब तक बीजेपी की फ़जीहत हो चुकी है। 


'26 लाख नए मामले'

केंद्रीय वित्त मंत्री का कोरोना टीके को लेकर संवेदनहीन बयान ऐसे समय आया जब कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त समिति ने कहा है कि त्योहारों की वजह से कोरोना के मामलों में ज़बरदस्त उछाल आ सकता है और एक महीने में 26 लाख तक नए मामले आ सकते हैं।  

कमिटी ने कहा है कि यदि एहतियात के सारे उपाय अपनाए गए तो अगले साल के शुरुआती दिनों तक इस महामारी पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सकता है। लेकिन यदि त्योहार के कारण रोकथाम उपायों में छूट दी गई और लापरवाही बरती गई तो स्थिति नियंत्रण से बाहर चली जाएगी और संक्रमण तेजी से बढ़ेगा। 


सवाल यह उठता है कि क्या इस स्थिति के बाद भी बीजेपी बिहार के लोगों को ही कोरोना वैक्सीन देगी?


दूसरे राज्य भी दौड़ में शामिल

अब बिहार के बाद दूसरे राज्यों की सरकारों ने भी मुफ़्त कोरोना वैक्सीन का वायदा किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना वायरस के टीके की तैयारियाँ पूरे जोरों से चल रही है। जैसे ही यह बन कर तैयार होगा, मध्य प्रदेश के हर नागरिक को यह मुफ़्त में दिया जाएगा।' 

बता दें कि मध्य प्रदेश में राज्य विधानसभा की कुछ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। 


इसी तरह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी ने भी कहा है, 'कोविड-19 का वैक्सीन एक बार बन कर तैयार हो जाए, राज्य के हर नागरिक को यह मुफ़्त में मिलेगा।'

बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव अगले साल होगा।