बिहार विधानसभा चुनाव में जीत का जश्न बीजेपी ने क़रीब-क़रीब उसी अंदाज में मनाया जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार को मिली दूसरी सफलता के समय मनाया गया था। लेकिन क्या बिहार की जीत इतनी बड़ी है? या फिर मोदी 2.0 में आर्थिक मोर्चे पर विफलता, कोरोना महामारी के संकट में स्वास्थ्य सेवा के ढांचे की नाकामी, मजदूरों के पलायन, बेरोज़गारी, सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ जैसे मुद्दों पर जवाब देने में असहज पा रही सरकार इस जीत के माध्यम से यह बताने की कोशिश कर रही है कि जनता ने उसकी नीतियों पर ठप्पा लगा दिया है!

बिहार विधानसभा चुनाव में जीत का जश्न बीजेपी ने क़रीब-क़रीब उसी अंदाज में मनाया जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार को मिली दूसरी सफलता के समय मनाया गया था।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तो अपने भाषण में इस बात का जिक्र भी किया कि यह जीत "कोरोना महामारी में मोदी सरकार द्वारा किये गए कार्यों पर जनता की मुहर है।”
पीएम मोदी ने कहा, “बीजेपी की सफलता के पीछे उसका गवर्नेंस मॉडल है। जब लोग गवर्नेंस के बारे में सोचते हैं, तो बीजेपी के बारे में सोचते हैं। बीजेपी सरकारों की पहचान ही है- गुड गवर्नेंस।” उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसमें गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, अपना प्रतिनिधित्व देखते हैं।”