चुनाव आयोग ने अपने ही दिशा-निर्देशों और नियमों को डुप्लीकेट वोटर के मामले में भी तोड़ा। बिहार की अंतिम मतदाता सूची में संभावित धोखाधड़ी, दोहरे नामों और गलत एंट्री का पता लगाने के लिए उपलब्ध विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल ही उसने नहीं किया। इसका खुलासा 'द रिपोर्टर्स कलेक्टिव' ने किया है।