बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच एक चौंकाने वाला राजनीतिक मोड़ आ गया है। झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम ने सोमवार को घोषणा की कि वह पड़ोसी राज्य बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेगी। यह फ़ैसला पार्टी ने महागठबंधन के सहयोगी दलों राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी और कांग्रेस पर 'राजनीतिक साजिश' का आरोप लगाते हुए लिया है। जेएमएम का दावा है कि इन दलों ने जानबूझकर पार्टी को सीटें आवंटित नहीं कीं, जिससे उसे चुनाव लड़ने से वंचित होना पड़ा।
हेमंत सोरेने के जेएमएम ने बिहार चुनाव से अचानक किनारा क्यों किया?
- बिहार
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- 20 Oct, 2025
बिहार चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पहले अकेले लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन दो दिन बाद ही यू-टर्न लेते हुए चुनाव से दूर रहने की घोषणा कर दी है। तो आरजेडी और कांग्रेस पर साज़िश के आरोप क्यों लगाए? क्या महागठबंधन में फिर से दरार गहराने लगी है?

यह घोषणा महज दो दिन पहले की गई उस घोषणा के ठीक बाद आई है, जिसमें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले जेएमएम ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। शनिवार को पार्टी ने चकाई, धमदाहा, कटारिया, मणिहारी, जमुई और पीरपैंती की छह विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने की बात कही थी। ये सभी सीटें दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान के लिए निर्धारित हैं, जहां नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि सोमवार ही थी। लेकिन अब जेएमएम ने नामांकन न करने का फैसला कर लिया।