सुशांत की मौत के मामले में जब बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ही 3 एजेंसियाँ- सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जाँच कर रही हैं तो फिर बिहार बीजेपी के कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ ने 'सुशांत के लिए न्याय' अभियान क्यों छेड़ रखा है? इसने अब एक पोस्टर जारी किया है जिस पर लिखा है- ना भूले हैं! ना भूलने देंगे!!' पोस्टर पर यह भी लिखा है कि 'सुशांत के लिए न्याय'। सवाल है कि इसने ऐसा पोस्टर क्यों जारी किया जो साफ़ तौर पर राजनीतिक लाभ दिलाने वाला लगता है? हालांइक बीजेपी इसे पूरी तरह से नकारती रही है कि वह सुशांत की मौत के मामले का राजनीतिक लाभ ले रही है। तो सच्चाई क्या है?