जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने मंत्री बनने से तीन महीने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे को एक आलीशान अपार्टमेंट क्यों दिया?
ललन सिंह और निशांत कुमार
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह अब नीतीश कुमार के बेटे को आलीशान अपार्टमेंट गिफ़्ट करने को लेकर चर्चा में हैं। द वायर हिंदी ने रिपोर्ट दी है कि नीतीश के इकलौते बेटे निशांत कुमार को उनके ही जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक आलीशान अपार्टमेंट उपहार में दिया है। यह संपत्ति पटना के पॉश इलाके बेली रोड के पास स्थित शिव राधिका कॉम्प्लेक्स की सबसे ऊपरी मंजिल पर है, जो पेंटहाउस की तरह बनी हुई है।
रिपोर्ट में पड़ताल कर कहा गया है कि यह गिफ्ट डीड 15 जनवरी 2024 को रजिस्टर्ड हुई थी, जो लोकसभा चुनावों से महज तीन महीने पहले की बात है। उस समय ललन सिंह मुंगेर से लोकसभा सांसद थे और उन्होंने कई बार इस सीट से जीत हासिल की थी। 2024 के चुनाव में दोबारा जीतने के बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में जेडीयू कोटे से पहली बार केंद्रीय मंत्री बनाया गया। वह पंचायती राज कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी उद्योग मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेजों में साफ़ तौर पर कहा गया है कि ललन सिंह ने निशांत के प्रति 'बचपन से ही काफ़ी प्रेम और स्नेह' के कारण यह संपत्ति उन्हें भेंट की है। 'निशांत के व्यवहार से प्रसन्न होकर' उन्होंने यह फैसला लिया।
शिव राधिका कॉम्प्लेक्स शास्त्री नगर में एक बहुमंजिला भवन है। पांचवीं मंजिल पर फ्लैट नंबर 501 का सुपर बिल्ट-अप एरिया 2160 वर्ग फुट है। गिफ्ट डीड में इसकी कीमत करीब 91 लाख रुपये लिखा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसका वास्तविक बाजार मूल्य इससे दोगुना या उससे भी अधिक हो सकता है। पटना के एक बिल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर द वायर हिंदी को बताया, 'नूतन कंस्ट्रक्शन द्वारा विकसित फ्लैट्स का बाजार मूल्य 8000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक है।' कॉम्प्लेक्स के केयरटेकर ने वेबसाइट को बताया कि वहां के फ्लैट्स की कीमत 1.7 करोड़ रुपये आँकी जाती है और निशांत का यह आवास 'पेंटहाउस' के नाम से जाना जाता है।
वेबसाइट ने दस्तावेजों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि ललन सिंह ने यह फ्लैट व्यक्तिगत रूप से खरीदा था। उन्होंने 2020 में बबीता सिंह से इसे खरीदा। वह पहले 2015 में अपने पति संजय कुमार सिन्हा से खरीद चुकी थीं। संजय सिन्हा पटना की प्रमुख निर्माण कंपनी नूतन कंस्ट्रक्शन के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और उन्होंने ही शिव राधिका कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया था। उपहार के रूप में फ्लैट के अलावा निशांत को रूफटॉप और 800 वर्ग फुट का ओपन टेरेस का विशेष अधिकार, दो कार पार्किंग स्पेस, ग्राउंड फ्लोर पर 50 वर्ग फुट का सर्वेंट रूम और कॉम्प्लेक्स की कुल 31.25 डेसिमल जमीन का आनुपातिक हिस्सा (करीब 700 वर्ग फुट) भी मिला है।
ललन सिंह ने गिफ्ट किए गए फ्लैट वाले दस्तावेज में साफ लिखा है कि मैं यह संपत्ति प्रेम और स्नेह से निशांत कुमार को भेंट कर रहा हूं और अब मेरा इसमें कोई अधिकार नहीं है।
सीएम नीतीश का दौरा
रिपोर्ट के अनुसार कॉम्प्लेक्स के गार्ड ने बताया कि निशांत कुमार अक्सर यहाँ आते रहते हैं। उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार चार-पांच बार आ चुके हैं। लगभग एक साल पहले इसी पेंटहाउस के गृह प्रवेश समारोह में भी सीएम जी आए थे।'
नीतीश की संपत्ति की घोषणा
इस उपहार के करीब 50 दिनों बाद 4 मार्च 2024 को बिहार विधान परिषद चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने अपनी संपत्ति का हलफनामा दाखिल किया। इसमें कुल संपत्ति 1.64 करोड़ रुपये बताई गई—अचल संपत्ति 1.48 करोड़ और चल संपत्ति 16.82 लाख रुपये। वित्तीय वर्ष 2022-23 में उनकी वार्षिक आय मात्र 4.92 लाख रुपये थी।
ललन सिंह को नीतीश कुमार का 'दायां हाथ' या 'सबसे करीबी' माना जाता है और वे जेडीयू जेडीयू के प्रमुख चेहरे हैं। नीतीश और ललन सिंह के बीच लंबे समय से गहरे राजनीतिक संबंध हैं। दोनों पटना विश्वविद्यालय के टी.एन.बी. कॉलेज के क्लासमेट रहे हैं और 1974 के जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलन से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई।
हालाँकि, उनके संबंध हमेशा इतने बेहतर नहीं रहे। कई बार दोनों के बीच तल्खियाँ आईं। कुछ साल पहले तो ललन सिंह ने नीतीश पर अहंकारी होने का आरोप लगाकर जेडीयू छोड़ दिया था। एक समय तो जेडीयू ने ललन सिंह की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग कर दी थी। लेकिन नीतीश के साथ संबंध सुधरने पर मामला वापस ले लिया गया। फ़िलहाल दोनों के संबंध मज़बूत हैं। ललन सिंह जेडीयू के लोकसभा संसदीय दल के नेता हैं और कहा जाता है कि नीतीश के अधिकांश फैसलों में उनकी राय ली जाती है।
निशांत कुमार: राजनीति से दूर, लेकिन सुर्खियों में
निशांत नीतीश के इकलौते बेटे हैं। उनकी मां मंजू सिन्हा का निधन दो दशक पहले हो गया था। इंजीनियरिंग ग्रेजुएट निशांत ने रांची के प्रतिष्ठित बीआईटी कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। वे राजनीति से कोसों दूर रहते हैं और सार्वजनिक मंचों पर कम ही नजर आते हैं। नीतीश कई बार कह चुके हैं कि उनका बेटा राजनीति में नहीं आएगा।
हालांकि, 2025 में बिहार विधानसभा चुनावों के संदर्भ में निशांत ने पहली बार खुलकर बयान दिया। जनवरी में बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने लोगों से पिता के लिए वोट करने का आह्वान किया। फरवरी में उन्होंने फिर कहा कि नीतीश को एनडीए का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए।
बिहार की राजनीति में जहाँ लालू यादव जैसे नेता परिवारवाद के आरोप झेलते रहे, वहीं नीतीश की सादगी अब इस जांच से चुनौती में है। क्या यह मामला चुनाव आयोग या अन्य जाँच एजेंसियों के रडार पर आएगा? फिलहाल, यह खुलासा बिहार की सत्ता की ऊँची इमारतों में छिपे राज खोलने वाला साबित हो रहा है।