Bihar Politics Lalu Family Crisis: लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह और बढ़ गई है। रोहिणी आचार्य के बाद लालू की चार और बेटियों राजलक्ष्मी, रागिनी, हेमा और चंदा भी पटना छोड़कर चली गईं। आरजेडी की करारी हार के बाद परिवार में मतभेद गहरे हो गए हैं।
लालू यादव के परिवार में मतभेद बढ़े, चार और बेटियों ने घर छोड़ा
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को मिली करारी हार के बाद लालू यादव के परिवार में दरार गहरी होती जा रही है। सिंगापुर में रहने वाली लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के परिवार से नाता तोड़ने के ऐलान के एक दिन बाद, उनकी चार और बहनों राजलक्ष्मी, रागिनी, हेमा, और चंदा अपने बच्चों के साथ चुपचाप पटना स्थित परिवार के आवास (10 सर्कुलर रोड) से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। यह कदम बिहार के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों में से एक में बढ़ती फूट का स्पष्ट संकेत है।
ANI और PTI के अनुसार, राजलक्ष्मी, रागिनी, और चंदा यादव को अपने परिवारों के साथ दिल्ली के लिए निकलते देखा गया, और हेमा यादव भी दिल्ली के लिए रवाना हुईं। सूत्रों के मुताबिक, ये सभी पिछले दो दिनों की घटनाओं से काफी परेशान थीं, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
उन सभी का पटना से जाना RJD के लिए बेहद राजनीतिक और व्यक्तिगत उथल-पुथल के साथ हुआ है। पार्टी अभी भी बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या में भारी गिरावट से जूझ रही है। पिछली बार 75 सीटें आई थीं और इस बार सुई 25 पर आकर रुक गई। आरजेडी की यह बड़ी हार मानी जा रही है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
पूरा विवाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य के बयान से सामने आया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से राजनीति और परिवार से अलग होने की घोषणा की।
रोहिणी के गंभीर आरोप: उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि उन्हें "गंदी गालियाँ" दी गईं। यहाँ तक कि तेजस्वी यादव के दो करीबी सहयोगियों RJD के राज्यसभा सांसद संजय यादव और लंबे समय के सहयोगी रमीज़ से जुड़े विवाद के दौरान किसी ने उन पर चप्पल से मारने की कोशिश भी की।
किडनी दान पर अपमान: रोहिणी ने एक भावुक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि परिवार के भीतर उन पर यह कहकर हमला किया गया कि उन्होंने अपने पिता लालू यादव को अपनी "गंदी किडनी" दान कर दी है, और इसके बदले करोड़ों रुपये लिए। टिकट भी बेचे। (रोहिणी ने 2022 में अपने पिता को किडनी दान की थी।)तेज प्रताप यादव के बयानों ने विवाद और बढ़ाया
इस विवाद के बीच, रोहिणी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव, जिन्हें इस साल की शुरुआत में ही पार्टी और परिवार से बाहर निकाल दिया गया था, के नाटकीय बयान सामने आए। इन बयानों ने विवाद को और सुलगा दिया।
"दिल हिल गया": उन्होंने जनशक्ति जनता दल के सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पोस्ट किया कि इस घटना ने उनके "दिल को अंदर तक हिला दिया है।" उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद पर कई हमले बर्दाश्त किए, लेकिन उनकी बहन का यह अपमान "किसी भी हाल में असहनीय" है।
"जयचंदों" को चेतावनी: तेज प्रताप ने चेतावनी दी कि इस "अन्याय" के परिणाम गंभीर होंगे। उन्होंने सीधे लालू यादव से अपील की: "पिताजी, मुझे बस एक इशारा, बस एक सहमति दीजिए, और बिहार की जनता इन जयचंदों को दफ़न कर देगी।"
- उन्होंने "कुछ चेहरों" पर तेजस्वी की निर्णय क्षमता को प्रभावित करने का आरोप लगाया और कहा कि अब यह लड़ाई "एक बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान" की है।
विवाद की जड़: आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद 15 नवंबर को तेजस्वी और रोहिणी के बीच तीखी बहस के बाद और बढ़ गया, जिसमें रोहिणी ने RJD की चुनावी हार के लिए तेजस्वी के करीबी सलाहकार संजय यादव और उनकी टीम को जिम्मेदार ठहराया।
बताया जाता है कि बहस इतनी बढ़ गई कि चप्पल उठाने तक की नौबत आ गई और मामला बिगड़ते देख मीसा भारती ने बीच-बचाव किया।
तनाव के बाद रोहिणी तुरंत घर छोड़ने को तैयार थीं, लेकिन राबड़ी देवी ने उन्हें रोक लिया। हालांकि, वह अगले दिन शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। रोहिणी ने कहा कि उन्होंने केवल अपने भाई (तेजस्वी) का त्याग किया है, लेकिन उनके माता-पिता और बहनें उनके साथ हैं।
रोहिणी आचार्य ने मीडिया को बताया कि वह अपने ससुराल मुंबई जा रही हैं, क्योंकि उनकी सास इन सब घटनाओं के बाद बहुत चिंतित हैं और उन्होंने उन्हें वापस बुला लिया है।
राजनीतिक दलों को हमले का मौका मिला
BJP ने लालू परिवार पर तीखा हमला बोला और कहा, "जिस परिवार में बहू-बेटियों को बाल पकड़कर और चप्पल से पीटा जाता हो, सोचिए अगर ये लोग सत्ता में आ जाते तो बिहार की बहन-बेटियों के साथ कैसा सलूक करते।"
लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने रोहिणी के दर्द से सहानुभूति जताते हुए कहा कि लालू जी का परिवार उनका भी परिवार है, और उम्मीद जताई कि सब जल्द ठीक होगा।
जेडीयू ने इसे लालू परिवार का निजी और पारिवारिक मामला बताया।
राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने भी रोहिणी का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसी बाहरी व्यक्ति से घर में समस्या हो रही है, तो रोहिणी को उसे बाहर करने का पूरा अधिकार है।