इस चुनाव में कई प्रत्याशियों ने अपनी पिछली हार का हिसाब बराबर कर लिया है। उन्होंने पिछले चुनाव में सांसद बनने की राह में बाधा बनने वाले वर्तमान सांसदों को हराकर उनका ही रास्ता रोक दिया।