मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि बिहार की मतदाता सूची अब 'शुद्ध' यानी पूरी तरह सही हो गई है, तो क्या सच में ऐसा हो गया? द रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने तो पड़ताल में चौंकाने वाला दावा किया है। इसकी पड़ताल में पता चला है कि 14.35 लाख संदिग्ध डुप्लिकेट मतदाता हैं और 1.32 करोड़ मतदाताओं के नाम फर्जी या संदिग्ध पतों पर हैं। इसके अलावा एक-एक मतदाता के कई EPIC होने के दावे भी किए गए हैं। तो सवाल है कि मुख्य चुनाव आयुक्त का यह दावा कितना सही है कि सूची पूरी तरह शुद्ध है?