बिहार में चुनाव प्रचार ख़त्म होने के साथ ही राज्य की हुक़ूमत के मुखिया नीतीश कुमार ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। प्रचार के आखिरी दिन नीतीश ने इस चुनाव को अपना ‘अंतिम चुनाव’ बताया है। बरसों का सियासी अनुभव रखने वाले नीतीश ने ऐसा क्यों कहा, इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य के लोगों को पत्र लिखकर भावनात्मक रिश्ता बनाने की कोशिश की है।
नीतीश ने क्यों खेला ‘अंतिम चुनाव’ का इमोशनल कार्ड?
- बिहार
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- 7 Nov, 2020
बिहार में चुनाव प्रचार ख़त्म होने के साथ ही राज्य की हुक़ूमत के मुखिया नीतीश कुमार ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

सामाजिक न्याय की राजनीति के दम पर सवर्ण नेताओं को पीछे छोड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले नीतीश इस चुनाव में कुछ कारणों से बेहद परेशान रहे। पहला कारण- तेजस्वी यादव की चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़, दूसरा- चिराग पासवान के हमले और तीसरा- बीजेपी के द्वारा मोदी को बिहार चुनाव में एनडीए का चेहरा बनाने की कोशिश।
बहरहाल, सुनिए, नीतीश ने क्या कहा। नीतीश पूर्णिया में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। जेडीयू के उम्मीदवार के लिए आयोजित रैली में उन्होंने कहा, ‘आज चुनाव का आख़िरी दिन है और परसों चुनाव है और ये मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’