राजनीति में चुनाव जीतने के लिए नारों की ख़ासी अहमियत है। 1971 के लोकसभा चुनावों में इंदिरा गाँधी ने ग़रीबी हटाओ का नारा दिया था। इस नारे का ख़ूब असर हुआ था और कांग्रेस को जोरदार जीत मिली थी। उसके बाद 2014 में ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ के नारे ने कमाल दिखाया था। लेकिन इसकी चर्चा हम आज क्यों कर रहे हैं, क्या किसी राज्य में नारों के सहारे किसी नेता के द्वारा चुनावी माहौल तैयार करने या जीतने की कोशिश हो रही है। हाँ, हो रही है और बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर अपने नये नारे को लेकर चर्चा में हैं।
क्या बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं नीतीश कुमार?
- बिहार
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- 29 Mar, 2025
क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार। जेडीयू के प्रदेश कार्यालय के बाहर इस नये स्लोगन का होर्डिंग लगा दिया गया है।
