मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को नवगठित विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों पर इस कदर भड़के कि तमाम प्रोटोकाॅल को भूलते हुए कह दिया- ये बकवास बोल रहा है, यह झूठ बोल रहा है।
तेजस्वी यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर नीतीश कुमार के द्वारा चुनाव अभियान के दौरान किये गये निजी हमलों के जवाब में अपनी बात कही और उन पर भी निजी हमला बोला।
लगभग एक घंटे के भाषण में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के उस बयान का जिक्र किया कि जिसमें उन्होंने लालू प्रसाद के बच्चों के बारे में टिप्पणी की थी। नीतीश पर लगे हत्या के आरोप की चर्चा की और जेएनयू के छात्र के शोध से सामग्री चोरी में नीतीश पर जुर्माना लगाये जाने का भी जिक्र किया।
तेजस्वी ने कहा कि 1991 में नीतीश कुमार पर हत्या का आरोप लगा। 2008 में कैसे इस पर फैसले को टाला गया और 2020 में कैसे बिना किसी जांच-पड़ताल के इस केस को रफा-दफा किया गया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने हत्या के आरोप को गलत बताते हुए इसे सदन की कार्यवाही से हटाने से की मांग तो जवाब में तेजस्वी ने इसे सही करार दिया। इसके बाद नीतीश भड़क गये।
नीतीश ने गुस्से में इस अंदाज में बातें कीं जैसे किसी घरेलू झगड़े में की जाती हैं। उनके गुस्से में यह पीड़ा भी उभरी कि कैसे उन्होंने लालू प्रसाद को लोकदल में विधायक दल का नेता बनवाया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि तेजस्वी को डिप्टी चीफ मिनिस्टर उन्होंने ही बनवाया।
नीतीश ने कहा कि जब आरोप लगा तो हमने कहा कि सफाई दें मगर तेजस्वी ने सफाई नहीं दी तो हमने छोड़ दिया। नीतीश ने यह भी कहा कि मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है, इसलिए सुनते रहते हैं और हम कुछ नहीं बोलते हैं।
‘नीतीश बच्चे गिनते रहे’
तेजस्वी ने विधानसभा में अपने चुनावी अभियान और मुद्दों की चर्चा के बाद नीतीश के बयान को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमने मुद्दों की बात की मगर मुख्यमंत्री बच्चे गिनते रहे। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री को यह बात शोभा देती है।
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तेजस्वी का जवाबी पलटवार
तेजस्वी के अनुसार नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के बारे में कहा था- लड़की पर भरोसा नहीं था तो लड़कों की चाहत में लड़की पैदा करते रहे। तेजस्वी बोले, ‘मुख्यमंत्री को शायद पता नहीं कि दो लड़कों के बाद मेरी एक छोटी बहन भी है।’ इतना कहने के बाद तेजस्वी ने नीतीश के लालू पर किये गये निजी हमले के जवाब में उन पर निजी हमला करते हुए कहा, ‘हम यह भी कहना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जी का एक बेटा है और है या नहीं यह तो वही बताएंगे। इतना ज़रूर कह सकते हैं कि लोग तो यह भी कहते हैं कि बेटी के डर से दूसरी संतान पैदा नहीं की। क्या बेटी का डर था?।’ तेजस्वी की बेटी वाली बात को कार्यवाही से हटा दिये जाने की सूचना है।
तेेजस्वी ने इससे पहले यह भी कहा कि वे तो नीतीश कुमार को चाचा ही कहते हैं लेकिन सदन में तो कोई चाचा-भतीजा नहीं रहता। एक प्रोटोकाॅल होता है। वे मुख्यमंत्री हैं। मैं नेता प्रतिपक्ष हूं। जब तेजस्वी ने कहा कि माता-पिता ने संस्कार दिया है तो नीतीश कुमार मुस्कुराने लगे। तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में कहा कि उन्होंने 31 साल के युवा का क्या-क्या नामकरण किया।
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तेजस्वी के आरोपों पर जब विधानसभा में कई बार हंगामा हुआ तो अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि चुनाव को भूलकर विकास की बात करें और पर्सनल बातें न करें। अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि झूठ असंसदीय शब्द है। इसकी जगह असत्य का प्रयोग करें।
फट पड़े नीतीश
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि शुक्रवार को जिस तरह तेजस्वी ने कोरोना से लेकर भ्रष्टाचार के मुद्दे तक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले किये थे, उससे माहौल पहले ही गर्माया हुआ था। जब बात हत्या के आरोप और कंटेंट चोरी की आ गयी और तेजस्वी यादव इससे पीछे नहीं हटे तो अंदर-अंदर पक रहा नीतीश कुमार का लावा फट पड़ा।
चुनाव नतीजों पर चर्चा
तेजस्वी ने पूछा, आपने कभी सुना है कि किसी मुख्यमंत्री को पच्चीस हजार का जुर्माना देना पड़ा हो। फिर खुद ही इसका जवाब दिया- जुर्माना क्यों दिया? जेएनयू के एक छात्र के शोध से कंटेंट चोरी करने के लिए।
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश को चुनाव में चेहरा बताया जा रहा था कि लेकिन यह चेहरे का कैसा कमाल था कि चुनाव में उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर चली गयी।
नेता प्रतिपक्ष ने सृजन घोटाले की चर्चा करते हुए यह भी पूछा कि अब तक इस मामले में नीतीश से पूछताछ क्यों नहीं हुई है। उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर 120 बी के तहत षड्यंत्र रचने का केस दर्ज नहीं किये जाने की भी चर्चा की।
तेजस्वी ने चुनाव परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे राज्य में महज 12270 वोटों के अंतर से 16 सीट अधिक लाकर यह सरकार बनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि 3-3 हजार बैलेट पेपर रद्द किये गये। उन्होंने चोर दरवाजे से सरकार बनाने का भी आरोप लगाया।
तेजस्वी ने कोरोना नियंत्रण के लिए कमेटी नहीं बनाये जाने पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि कमेटी क्यों नहीं बनी।
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