2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में जब जेडीयू का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा था तो नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी। अपनी जगह उन्होंने दलित नेता जीतन राम मांझी को बैठाया था लेकिन 8 महीने बाद फिर से कुर्सी संभाल ली थी। कुर्सी छोड़ने का कारण नैतिक आधार पर पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेना बताया गया था।