2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों में जब जेडीयू का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा था तो नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी। अपनी जगह उन्होंने दलित नेता जीतन राम मांझी को बैठाया था लेकिन 8 महीने बाद फिर से कुर्सी संभाल ली थी। कुर्सी छोड़ने का कारण नैतिक आधार पर पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेना बताया गया था।
बिहार: क्या मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार नहीं हैं नीतीश कुमार?
- बिहार
- |
- 12 Nov, 2020
ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश को ही बिहार में एनडीए का चेहरा बताया है। लेकिन नीतीश की इस कुर्सी पर फिर से न बैठने की इच्छा व्यक्त करने का क्या सियासी मतलब है।

अब वैसे ही हालात फिर से बनते दिख रहे हैं। इस बार भी बिहार में जेडीयू का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है और यह चर्चा शुरू हो गई है कि नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते। हालांकि जीत से पहले और जीत के बाद भी ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश को ही बिहार में एनडीए का चेहरा बताया है। लेकिन नीतीश की इस कुर्सी पर फिर से न बैठने की इच्छा व्यक्त करने का क्या सियासी मतलब है।