बिहार में कानून व्यवस्था की हालत बदतर होती जा रही है। पटना एयरपोर्ट के पास से पुणे के एक स्क्रैप डीलर का अपहरण कर लिया गया और बिहार के जहानाबाद में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। राज्य में जेडीयू-बीजेपी की सरकार है।
बिहार के जहानाबाद जिले में एक सनसनीखेज वारदात ने पुलिस प्रशासन को हिला दिया है। महाराष्ट्र के पुणे के एक स्क्रैप कारोबारी का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई और शव को जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 के किनारे फेंक दिया गया। इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और अपराधियों की तलाश में कई टीमें गठित की हैं।
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे के रहने वाले कबाड़ी व्यवसायी (नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया) को साइबर अपराधियों ने पटना हवाई अड्डे के पास से अगवा किया था। अपहरण के बाद बदमाशों ने व्यवसायी को नालंदा जिले के हिलसा क्षेत्र में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद, शव को छिपाने के लिए अपराधियों ने इसे जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र में एनएच 33 के किनारे फेंक दिया। सोमवार देर रात (14 अप्रैल 2025) स्थानीय लोगों ने सड़क किनारे शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में शव की पहचान पुणे के व्यवसायी के रूप में हुई, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, व्यवसायी के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और वे बिहार पहुंच रहे हैं।
जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि शव की पहचान होने के बाद मृतक के मोबाइल रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। इसके अलावा, पटना हवाई अड्डे और हिलसा क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि अपराधियों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जहानाबाद, नालंदा और पटना पुलिस ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की जा रही है और कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने साइबर सेल की भी मदद ली है ताकि व्यवसायी के ऑनलाइन लेनदेन और संदिग्ध कॉल्स का पता लगाया जा सके।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया, "हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। अपराधियों की पहचान के लिए सभी संभावित सुरागों पर काम किया जा रहा है। जल्द ही इस मामले में महत्वपूर्ण खुलासा होने की उम्मीद है।"
बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं
यह घटना बिहार में हाल के महीनों में अपराध की बढ़ती वारदातों की एक कड़ी है। जहानाबाद और नालंदा जैसे क्षेत्रों में पहले भी अपहरण, फिरौती और हत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस मामले ने एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेता इस घटना को सरकार की नाकामी के रूप में पेश कर सकते हैं, खासकर तब जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एनएच 33 जैसे व्यस्त मार्ग पर शव फेंके जाने से इलाके में दहशत का माहौल है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यहां रात में पुलिस गश्त कम होती है। अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहिए।"
हालांकि, मृतक व्यवसायी के परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पुणे में उनके परिजन गहरे सदमे में हैं। व्यवसायी के बिहार आने का कारण और अपराधियों से उनका क्या संबंध था, यह अभी जांच का विषय है। पुलिस ने परिजनों से संपर्क कर घटना की पूरी जानकारी जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है।
यह मामला बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। साइबर अपराध और संगठित अपराध के बीच बढ़ते गठजोड़ को देखते हुए, इस हत्या ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह एक सुनियोजित साजिश थी? क्या व्यवसायी को पहले से निशाना बनाया गया था? इन सवालों के जवाब पुलिस की जांच पर निर्भर करते हैं।
फिलहाल, जहानाबाद और नालंदा में पुलिस की सक्रियता बढ़ा दी गई है। एनएच 33 पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और संदिग्ध वाहनों की जांच की जा रही है। बिहार पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।