राहुल गांधी ने शुक्रवार को बाँका में आयोजित एक जनसभा में बीजेपी पर 'वोट चोरी' का गंभीर आरोप लगाया तो प्रधानमंत्री मोदी ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोगों को अब 'कट्टा सरकार' नहीं चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि 'महागठबंधन सरकार आएगी तो कट्टा, दोनाली, फिरौती, रंगदारी सब लौट आएँगी'।

पीएम मोदी जब औरंगाबाद में एक रैली में महागठबंधन पर 'जंगलराज' का आरोप लगा रहे थे तब राहुल बिहार में बीजेपी नेताओं के बिहार में वोट करने को 'वोट चोरी' का सबूत बता रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कुछ बीजेपी नेता दिल्ली में फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में वोट डालने के बाद बिहार के पहले चरण के मतदान में भी वोटिंग कर चुके हैं। राहुल गांधी ने इसे 'वोट चोरी' बताया। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को हरियाणा चुनाव में वोट चुराने का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया।
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राहुल की 'वोट चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'कल पता चला कि कुछ बीजेपी नेताओं ने बिहार में वोट डाले। वे दिल्ली में भी वोट डाल चुके थे। बीजेपी के कार्यकर्ता दो बार, चार बार, यहाँ तक कि दस बार वोट डाल रहे हैं। हरियाणा में उन्होंने कांग्रेस को वोट डालने वालों से लाखों वोट काट लिए। गरीबों, दलितों, अत्यंत पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के वोट चुराए गए।' उन्होंने हरियाणा चुनाव में 'वोट चोरी' के सबूत पेश करते हुए कहा कि वहाँ 2 करोड़ मतदाताओं में से 29 लाख फर्जी वोटर थे और कांग्रेस ने इसकी 'एच फाइल्स' के रूप में ठोस प्रूफ पेश किया है। राहुल ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग इन आरोपों को नकार नहीं सकता।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने बीजेपी पर पूरे देश में 'वोट चोरी' की योजना लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में यही किया है। मैं गारंटी देता हूँ कि बिहार में भी वे हरियाणा जैसा ही करेंगे। यहाँ फर्जी वोटर लिस्ट बनाई जाएँगी और बीजेपी कार्यकर्ता कई-कई बार वोट डालने की कोशिश करेंगे। लेकिन बिहार के लोगों को वे नहीं जानते। वे पोलिंग बूथ पर खड़े होकर वोट चोरी रोकेंगे।' राहुल गांधी ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि वे इस साजिश को नाकाम बनाएँ और लोकतंत्र की रक्षा करें।

विपक्ष का बीजेपी पर हमला

राहुल गांधी का यह बयान गुरुवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा बीजेपी के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के बाद आया है। विपक्ष ने दावा किया कि दिल्ली में वोट डाल चुके कई बीजेपी नेता बिहार के पहले चरण में भी मतदान कर चुके हैं। आप के नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसे 'बड़ा एक्सपोज' बताते हुए बीजेपी राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा पर निशाना साधा। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सिन्हा ने फरवरी में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के रूप में द्वारका से वोट डाला था, लेकिन बिहार के सिवान से भी वोटिंग कर ली। उन्होंने कहा कि सिन्हा को बिहार से वोट डालने का अधिकार नहीं था।

इस आरोप पर राकेश सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि फ़रवरी चुनाव के दौरान उनका नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना पता बिहार के बेगूसराय जिले में बदल लिया था। उन्होंने कहा कि राज्य की राजनीति में सक्रिय होने के कारण यह बदलाव किया गया था। विपक्ष के इन आरोपों ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और अब बीजेपी पर जवाब देने का दबाव बढ़ गया है।
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बिहार को नहीं चाहिए 'कट्टा सरकार': पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को दूसरे चरण के चुनाव से पहले औरंगाबाद में आरोप लगाया कि 'जंगलराज' के लोग निवेश और रोजगार को खतरे में डालने वाली हर चीज लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता 'कट्टा सरकार' नहीं चाहती है। उन्होंने विपक्षी दलों पर बच्चों को 'रंगदार' बनाने की शिक्षा देने और सत्ता में आने पर अपराध व फिरौती को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

मोदी ने कहा, "वे पहले से ही बच्चों को 'रंगदार' बनाने की बात कर रहे हैं। खुलेआम घोषणा कर रहे हैं कि अगर उनके नेता की सरकार आएगी, तो 'कट्टा', 'दुनाली', 'फिरौती', 'रंगदारी' – सब वापस आएगा। बिहार बंदूक की सरकार नहीं चाहता। बिहार कुशासन की सरकार नहीं चाहता।" उन्होंने चेतावनी दी कि 'जंगलराज' के लोग निवेश और नौकरियों के लिए हानिकारक हर चीज लेकर आए हैं। उन्होंने कहा, 'आपको इनसे सतर्क रहना होगा। बिहार को 'कट्टा' और खराब शासन की जरूरत नहीं। एनडीए बिहार को विकसित बनाएगा। बिहार को एनडीए के ईमानदार घोषणापत्र पर भरोसा है।'
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सीट बँटवारे पर तंज

पीएम मोदी ने महागठबंधन के सीट बँटवारे फॉर्मूले पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वे सीटें दी गई हैं जहां पिछले 35-40 सालों में राजद कभी नहीं जीता। इसके अलावा उन्होंने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि 'इंडिया ब्लॉक का सीएम चेहरा राजद ने बंदूक की नोक पर चुरा लिया।' मोदी ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन में आपसी अविश्वास और स्वार्थ इतना है कि वे एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते।

पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हुआ। इसमें 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ। कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं ने अपनी राय जाहिर करने का अधिकार इस्तेमाल किया। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान प्रतिशत 64.66% रहा। यह अब तक का सबसे ज़्यादा मतदान प्रतिशत है। इससे पहले सबसे ज़्यादा मतदान 2000 के विधानसभा चुनाव में 62.57% और 1998 के लोकसभा चुनाव में 64.6% हुआ था।