बिहार में एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। मुद्दा है पीएम मोदी की मां को कथित तौर पर दी गई गाली। पीएम मोदी विदेश यात्रा से लौटने के बाद इस मुद्दे पर सरकारी कार्यक्रम में बोले। उन्होंने कहा कि बिहार की गली-गली से इस गाली का जवाब आना चाहिए, ्क्योंकि ये गाली सिर्फ उनकी मां को नहीं बल्कि देश की तमाम मां-बेटियों को है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार 3 सितंबर को पीएम मोदी को करारा जवाब दिया और उनसे उनके जुमलों का हिसाब मांगा। 
तेजस्वी यादव ने न सिर्फ मीडिया को इस संबंध में बाइट दी, बल्कि एक लंबा ट्वीट भी किया, जिसमें कुछ गालीनुमा जुमलों को गिनाया गया है और सवाल किया गया है। तेजस्वी ने एक्स पर लिखा- माँ तो माँ होती है। माँ शब्द जुबान पर आते ही कितना सुकून मिलता है। जो बेजुबान है माँ तो उनकी भी होती है। किसी को भी किसी की भी माँ-बहन-बेटी के प्रति अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। इस दुनिया में मौजूद हर इंसान, जीव-जंतु, पशु-पक्षी सभी माँ की ही पैदाइश है।

रेवन्ना का प्रचार क्या था मोदी जीः तेजस्वी

आरजेडी नेता ने लिखा है- प्रधानमंत्री मोदी जी महिलाओं और लड़कियों से बलात्कार करने वाले प्रज्वल रेवन्ना का प्रचार कर उसे जिताने की अपील करें तो वह मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक। (प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक से बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल के पूर्व सांसद थे। उन पर कई महिलाओं ने जब यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए तो रेवन्ना विदेश भाग गए। वहां से लौटे तो गिरफ्तार किए गए।)

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सोनिया गांधी जर्सी गाय, नीतीश कुमार का डीएनए किसने पूछा

तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी जी किसी की माँ को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड बोले तो वाह मोदी जी वाह!  मोदी जी देश के लिए शहादत दे चुके साहसी प्रधानमंत्री की पत्नी और नेता प्रतिपक्ष की माँ को विधवा और जर्सी गाय बोले तो बेशर्म लोग कहेंगे कि मोदी जी ने शानदार भाषण दिया है। मोदी जी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पैदाइश पर यह कहते हुए सवाल उठाये कि इनका DNA ही ख़राब है अर्थात् इनका खून ही ख़राब और ग़लत है तो वह सही है? जेडीयू के लोग बताएं जो नख और बाल काट PMO को भेजे थे उनकी रिपोर्ट आ गई है क्या? 

मोदी ने इस बीजेपी नेता की पीठ क्यों थपथपाई

तेजस्वी यादव ने कहा- मोदी जी के सचेतक ने अभी कुछ दिन पहले बिहार विधानसभा में मेरी माँ को गाली दी तो मोदी जी ने उसकी पीठ थपथपाई। फिर वो कहे कि मोदी महान! एक बीजेपी नेता ने हमारी प्रवक्ता को साड़ी-साया खोल सरेआम सड़क पर बलात्कार की धमकी दें तो मोदी जी उसे सम्मानित करते हुए अपने जहाज़ तक बुलाते है।
तेजस्वी ने कहा- इनके (मोदी) प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कल (मंगलवार) टेसू बहा रहे थे वही आदमी कुछ दिन पहले कह रहे थे कि उनसे बड़ा गालीबाज़ कोई नहीं है और वह गालियों की चलती फिरती दुकान है। इसी तरह मणिपुर में भाजपाइयों द्वारा महिलाओं को निवस्त्र घुमाया गया क्या वो किसी की माँ नहीं थीं?

तेजस्वी यादव ने पूछा है- बिहारियों को गुजरात में गाली दी जाती है तो प्रधानमंत्री चुप रहते है। बेरोजगारों और युवाओं को गाली के साथ लाठी से पीटा जाता है तो इनके टेसू नहीं निकलते हैं।

तेजस्वी ने लिखा है- किसान आंदोलन में हज़ारों किसान मारे गए। किसान और नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं, लॉकडाउन में मजदूर पैदल चले, लाखों लोग मारे गए तब नहीं रोए । पुलवामा-पहलगाम और गलवान घाटी में हमारे सैनिक मारे गए जब इनके टेसू नहीं निकले।

ये दोहरे चरित्र के लोग हैं। ये लोग वोट चोरी से ध्यान हटाने के लिए प्रपंच रच रहे है। माँ तो माँ होती है।
-तेजस्वी यादव, पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता
वोट चोरी के खिलाफ क्या बीजेपी कर रही प्रपंच?

गाली विवाद की पूरी कथा 

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब दरभंगा में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की संयुक्त 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान 28 अगस्त को एक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया। यह यात्रा बिहार एसआईआर और वोट चोरी के खिलाफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में निकाली गई थी। लेकिन बीजेपी इस यात्रा को लेकर सहज नहीं थी। दरभंगा के अतरबेल में यूथ कांग्रेस के नेता मोहम्मद नौशाद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किसी रफीक रिजवी उर्फ राजा, ने मंच से पीएम मोदी की मां के लिए अपशब्द कहे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इसे सामाजिक गरिमा और माताओं-बहनों के सम्मान से जोड़कर बड़ा मुद्दा बना दिया। हालांकि रिजवी के परिवार ने इसका खंडन किया और कहा कि उसका इस घटना से कोई मतलब नहीं है। फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने बताया कि गाली देने की पटकथा और इस मामले को उछाल रहे लोग बीजेपी से हैं। उन्होंने कुछ प्रोफाइल भी ट्वीट किए। 29 अगस्त को बीजेपी नेताओं और दो मंत्रियों की भीड़ ने पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर हमला करके जमकर थोड़फोड़ की।

पीएम मोदी की भावुक प्रतिक्रिया 

2 सितंबर को नई दिल्ली में 'बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। भावुक होते हुए उन्होंने कहा, "बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं हैं, बल्कि ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है। मुझे पता है कि आप सबको भी ये सुनकर कितना बुरा लगा है।" उन्होंने आगे कहा, "मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। उनका क्या दोष था? मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ बिहार के लोगों को भी है।" पीएम ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि इस अपमान के खिलाफ गली-गली से आवाज उठनी चाहिए। 

मोदी ने इसमें क्षेत्रीयता का पुट देते हुए कहा- जिन लोगों ने यह अपमान किया, उन्हें छठी मैया माफ नहीं करेंगी, और बिहार की जनता इसका जवाब देगी।

बिहार के मंत्री का बयान 

बिहार सरकार के राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को गया में बयान दिया। सरावगी मुख्यमंत्री द्वारा विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में आयोजित पूजा अर्चना कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता का अपमान किया गया है, उसका बदला हमलोग चुन-चुन कर लेंगे। चाहे वह ईवीएम से बदला लेने की बात हो या किसी और तरीके से। 
सरावगी ने कहा- जिस धरती पर प्रधानमंत्री की माता जो कि अब इस दुनिया में नहीं है, उनका अपमान किया गया है, मैं वहां से विधायक हूं और बिहार की जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इसी को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक महिला गठबंधन के द्वारा आक्रोश मार्च का भी आयोजन किया गया है। यानी कि लोग यह बता रहे हैं कि बिहार की महिलाएं और लोग इस घटना को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब जहां, जिसे मौका मिलेगा राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को हमलोग चुन चुन कर जवाब देंगे।
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बीजेपी और एनडीए का बिहार बंद का आह्वान 

पीएम मोदी के भाषण के तुरंत बाद, बिहार बीजेपी ने इस अपमान के विरोध में 4 सितंबर को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक बिहार बंद का आह्वान किया। बीजेपी का दावा है कि इस बंद को एनडीए के सभी घटक दलों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भी शामिल है। लेकिन जेडीयू ने अलग से कोई बयान नहीं दिया है। बीजेपी नेताओं ने इसे केवल राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि सामाजिक गरिमा और माताओं-बहनों के सम्मान की रक्षा का सवाल बताया। इस बंद के दौरान रेल सेवाओं को छोड़कर सड़क और यातायात को बंद रखने की अपील की गई है। 
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, और यह विवाद चुनावी माहौल को और गरमा सकता है। बीजेपी इसे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़कर जनता के बीच भावनात्मक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन, खासकर आरजेडी, इसे बीजेपी की रणनीति बताकर पलटवार कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा चुनाव में टर्निंग पॉइंट बन सकता है, खासकर बीजेपी को महंगा पड़ सकता है।